- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- पीकेवी का सवाल - दाभा विकास योजना...
Nagpur News: पीकेवी का सवाल - दाभा विकास योजना मंजूर तो जमीन झुड़पी जंगल कैसे

- प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय कृषि कन्वेंशन सेंटर का मामला
- पीकेवी ने याचिकाकर्ता का दावा किया खारिज
Nagpur News अमरावती रोड पर दाभा स्थित प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय कृषि कन्वेंशन सेंटर झुड़पी जंगल की जमीन पर है और इस पर सेंटर बनाना अवैध है, ऐसा दावा याचिकाकर्ता स्वच्छ एसोकिएशन ने एक जनहित याचिका में किया था। जिस पर पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय (पीकेवी) ने शपथ पत्र दायर करते हुए सवाल किया है कि, जब खुद नगर विकास विभाग ने महाराष्ट्र प्रादेशिक और नगर रचना अधिनियम, 1966 के तहत दाभा विकास योजना को मंजूरी दी है, तो यह जमीन झुड़पी जंगल कैसे हो सकती है। इस मामले में न्या. नितीन सांबरे और न्या. सचिन देशमुख के समक्ष सुनवाई हुई।
अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद : सुनवाई के दौरान पीकेवी ने याचिकाकर्ता का दावा खारिज करते हुए इस मामले में महाराष्ट्र स्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमएसआईडीसी) को जवाब के लिए समय अवधि देने का कोर्ट से अनुरोध किया। कोर्ट ने इस मामले में दो सप्ताह बाद सुनवाई रखी है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. सुमित बोदलकर व एड. पार्थ मालवीय और पीकेवी की ओर से एड. अरुण पाटिल तथा एमएसआईडीसी की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ एस.के. मिश्रा ने पैरवी की।
सरकार ने 267 करोड़ की निधि मंजूर की : पीकेवी ने शपथ पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि, राजस्व विभाग ने 1968-69 में एक अधिसूचना जारी कर दाभा में 34 हेक्टर जमीन पीकेवी को दी थी। बाद में इसमें से 11 हेक्टेयर जमीन वायुसेना नगर के लिए आवंटित की गई। शेष 23 हेक्टेयर जमीन पर सातबारा में सड़क, इमारत, चारागाह और खुले मैदान के रूप में दर्ज है। सरकार ने 2024 में एक सरकारी आदेश जारी कर इस जमीन पर किसानों के हितों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कृषि कन्वेंशन सेंटर को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने 267 करोड़ की निधि भी मंजूर की है। एमएसआईडीसी द्वारा यह कन्वेंशन सेंटर बनाया जा रहा है। इसके अलावा 4 जुलाई 2025 को नगर विकास विभाग ने महाराष्ट्र प्रादेशिक और नगर रचना अधिनियम, 1966 के तहत दाभा विकास योजना को मंजूरी दी है। ऐसे में सिर्फ स्थानीय लोगों के कहने से यह जमीन झुड़पी जंगल कैसे हो सकती है।
Created On :   16 July 2025 12:55 PM IST