Nagpur News: 2024 से आशा वर्कर्स को नहीं मिला मानधन , आर्थिक संकट से जूझ रहे

2024 से आशा वर्कर्स को नहीं मिला मानधन , आर्थिक संकट से जूझ रहे
  • आयटक ने दी आंदोलन की चेतावनी
  • आरोग्य अधिकारी को सौंपा निवेदन
  • 15 दिनों में भुगतान करने की मांग

Nagpur News मनपा क्षेत्र की करीब 1000 शहरी आशा वर्कर्स को दिसंबर 2024 से केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत 3000 रुपए प्रतिमाह का मानधन नहीं मिला है। इस लंबित भुगतान को लेकर आशा वर्कर्स में भारी असंतोष व्याप्त है। इसी मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र राज्य आरोग्य विभाग आशा गटप्रवर्तक संगठन आयटक की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल ने मनपा के आरोग्य अधिकारी डॉ. शेलोकर को निवेदन सौंपा और चर्चा की। संगठन के राज्य महासचिव कॉ. श्याम काले के नेतृत्व में दिए गए निवेदन में स्पष्ट चेतावनी दी गई कि यदि आगामी 15 दिनों में बकाया मानधन नहीं दिया गया, तो शहरी आशा वर्कर्स काम बंद आंदोलन करेंगी।

काम का बनाया जा रहा दबाव : राज्य भर में 80 हजार से अधिक आशा और गटप्रवर्तक महिलाएं कार्यरत हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की आशा वर्कर्स को मानधन मिल चुका है, जबकि शहरी क्षेत्र की आशा वर्कर्स को केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित राशि अब तक नहीं दी गई है। इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना, दिव्यांग सर्वेक्षण, मातृ वंदना योजना, आरोग्यवर्धिनी कार्यक्रम, सी-बैक कार्य, ड्रेस कोड की राशि और जीवन ज्योति बीमा योजना जैसे कार्यक्रमों के लिए भी आशा वर्कर्स को पारिश्रमिक नहीं मिला है। इसके बावजूद शहरी स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारी उनसे लगातार काम ले रहे हैं और दबाव बना रहे हैं। मानधन नहीं मिलने से आशा वर्कर्स के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

चर्चा के दौरान आशा वर्कर्स ने कहा कि सरकार की तमाम योजनाएं हमसे चलवाई जाती हैं, लेकिन जब भुगतान की बात आती है, तो बार-बार टालमटोल किया जाता है। आर्थिक तंगी में काम करना मुश्किल होता जा रहा है। कॉ. काले ने कहा कि आयटक आशाओं के हक के लिए सड़क से लेकर मंत्रालय तक लड़ाई लड़ी जाएगी। अगर 15 दिन में मानधन नहीं दिया गया, तो तीव्र आंदोलन होगा। शिष्टमंडल में फुलन घुटके, शारदा नागभीड़े, संतोषी चव्हाण, मीना वागड़े, कंचन गजभिये, गायत्री उचितकर समेत अनेक आशा वर्कर्स उपस्थित थीं।


Created On :   17 July 2025 2:44 PM IST

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