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70 फीसदी मजदूरों को नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ, जानिए कारण...

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वैसे तो मजदूरों के हित के लिए देशभर में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। जहां तक महाराष्ट्र इमारत व इतर बांधकाम कामगार मंडल की बात करें तो इनके खाते में मजदूरों को देने के लिए 6000 करोड़ रुपए हैं लेकिन मजदूरों को इसका लाभ नहीं मिल रहा क्योंकि इनका रजिस्ट्रेशन नहीं है। महाराष्ट्र में 70 फीसदी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन नहीं होने की जानकारी है। पंजीकरण न हो पाने का प्रमुख कारण मजदूरों को ठेकेदार का प्रमाणपत्र नहीं मिल पाना है।
किसी भी मजदूर का पंजीकरण करने के लिए ठेकेदार द्वारा प्रमाणित किया जाना है कि उसने वर्ष में 90 दिन ठेकेदार के मातहत निर्माण कार्य किया है। ठेकेदार यह प्रमाणपत्र जारी करने से इसलिए कतरा रहे हैं कि वे कहीं किसी कानूनी पेंच में न फंस जाएं। अब तक राज्य के 2 लाख 36 हजार मजदूरों को औजार खरीदने के लिए 5000 रुपए की दर से 118 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। नागपुर में 13,017 मजदूर पंजीकृत हैं। इन सभी मजदूरों को 39 लाख 70 हजार रुपए आवंटित किए गए हैं। कामगार मंडल, नागपुर के खाते में इस समय 2,69,15000 रुपए जमा हैं।
पूरे राज्य में कामगार तथा कुछ अन्य विभाग के तकरीबन 200 अधिकारी-कर्मचारी कामगार मजदूरों का पंजीकरण कर विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने में जुटे हैं। कामगार मजदूरों को न तो योजनाओं की जानकारी है और न ही वे पंजीकरण करने के लिए कामगार कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंच पा रहे हैं। इन मजदूरों को उनका अधिकार दिलाने के लिए राज्यभर में शिविर लगाकर उनका पंजीकरण कराने की प्रक्रिया शुरू है। दूसरी ओर योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कामगार मजदूरों को वर्ष में 90 दिन काम किए जाने का ठेकेदार का प्रमाणपत्र चाहिए, लेकिन ठेकेदारों द्वारा प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा है। इस कारण से भी मजदूरों का पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। इससे मजदूर वर्ग लाभ से वंचित है। मजदूरों का पंजीकरण कर उन्हें लाभ पहुंचाने के कार्य में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों पर मजदूरों के लिए जमा रकम को शीघ्र आवंटित करने का दबाव है। इस प्रक्रिया में मजदूरों के कल्याणार्थ जमा रकम का दुरुपयोग होने की आशंका भी बढ़ रही है।
19 सूत्रीए योजनाओं पर होना है खर्च
इमारत व इतर बांधकाम कामगार अधिनियम 1996 की धारा 62 व धारा 40 के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने बांधकाम कामगार नियम 2007 तैयार किया। इसी नियम के अंतर्गत महाराष्ट्र इमारत व इतर बांधकाम कामगार कल्याणकारी मंडल की 1 मई, 2011 को स्थापना की गई। इस मंडल द्वारा जमीन की कीमत छोड़ शेष निर्माणकार्य की कुल लागत का 1 फीसदी उपकर वसूला जाता है। राज्य में इस प्रकार तकरीबन 6 हजार करोड़ रुपए उपकर के रूप में जमा हुए हैं।
कामगार मंडल यह पूरी रकम मजदूरों के लिए बने 19 सूत्री कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करना चाहता है। इसके लिए सर्वप्रथम मजदूर का पंजीकरण किया जाता है। पंजीकरण करने के लिए उम्र, वर्ष में 90 दिन काम का प्रमाणपत्र, 3 रंगीन फोटो, निवासी प्रमाणपत्र, पहचानपत्र (आधार कार्ड), बैंक की पासबुक आवेदन पत्र के साथ संलग्न कर महाराष्ट्र शासन के कामगार विभाग में जमा करना आवश्यक है। आवेदक की आवश्यक जांच पड़ताल के बाद उसका पंजीकरण किया जाता है। इसके साथ ही आवेदन करने पर कामगार को औजार खरीदने के लिए 5 हजार रुपए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह रकम आरटीजीएस के जरिए आवेदक के बैंक खाते में जमा की जा रही है।
Created On :   15 Sept 2017 6:55 PM IST