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पहले 7000 रुपए दो तब नवजात बच्चे का शव देंगे: अस्पताल प्रशासन
डिजिटल डेस्क, नाशिक। जिला अस्पताल में फिर से इंसानियत को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है। जहा पर नवजात बच्चे की मौत के बाद शव अभिभावको को सौंपने के बदले में सात हजार रूपए की मांग की गई। श्रमजीवी संगठन ने आरोप लगाया कि, अस्पताल के डॉक्टर ने 5 व नर्स ने 2 हजार रुपए मांगे। जिला शल्य चिकित्सक डा. सुरेश जगदाले को निवेदन सौंपकर कार्रवाई करने की मांग की। संगठन के अनुसार अस्पताल में बच्ची को दाखिल करते समय रिकॉर्ड भी दर्ज नहीं किया गया।
संबंधित डॉक्टर व नर्स ने पैसे लिए इसके बाद बच्ची का शव अभिभावक को सौंपा। इसके बाद अभिभावक के पास घर तक वापस जाने के लिए भी पैसे नही बचे। इसलिए वह बच्चे के शव लेकर सिटी बस से घर लौटा। संगठन के अनुसार नाशिक जिले के त्र्यंबकेश्वर तहसील की बर्डेवाड़ी, टाके देवगांव निवासी महिला भारती हनुमंत पारधी ने 31 अगस्त को त्र्यंबकेश्वर के ग्रामीण अस्पताल में सुबह पौने 7 बजे के करीब एक बच्ची को जन्म दिया। लेकिन बच्ची का स्वास्थ्य सही न होने के वजह से उसे नाशिक के जिला शासकीय अस्पताल में लेकर जाने की सलाह दी गई।
मां ने नवजात बच्चे को जिला अस्पताल में दाखिल किया, लेकिन एक घंटे के बाद बच्चे की मौत हो गई। नर्स ने अभिभावकों से बच्चे का शव देने के बदले में 2000 रुपए और डॉक्टर ने 5000 रुपए मांगे। शिकायतकर्ता के अनुसार अस्पताल में बच्ची को दाखिल करते समय रिकॉर्ड दर्ज नहीं किया था। पैसा देने के बाद बच्ची का शव अभिभावक को सौंपा गया। परिवार के पास वापस जाने के लिए पैसे नही बचे। इसलिए वह शव लेकर सिटी बस में सवार हुआ।
Created On :   10 Sept 2017 5:11 PM IST