पैर की हड्‌डी निकालकर हाथ में लगाई, एक्सीडेंट में 6 माह पूर्व घायल हुई थी महिला

A challenging operation of bone of a woman takes place in Nagpur
पैर की हड्‌डी निकालकर हाथ में लगाई, एक्सीडेंट में 6 माह पूर्व घायल हुई थी महिला
पैर की हड्‌डी निकालकर हाथ में लगाई, एक्सीडेंट में 6 माह पूर्व घायल हुई थी महिला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) में एक महिला के हाथ का चुनौती भरा सफल ऑपरेशन किया गया। इस ऑपरेशन में पैर की हड्डी निकाल कर हाथ में लगाया गया। ऑपरेशन 13 घंटे चला। महिला का पूर्व में किया गया ऑपरेशन असफल हो गया था, जिसके बाद यह ऑपरेशन किया गया। महिला का 110 किलो वजन भी डॉक्टरों से लिए किसी चुनौती से कम नहीं था।

23 जुलाई को हुई थी भर्ती
जानकारी अनुसार कामठी रोड स्थित डिप्टी सिग्नल निवासी नेहा साहू (28) का फरवरी 2017 को पचमढ़ी में एक्सीडेंट हो गया था। इसके बाद परिजन मरीज को ट्रॉमा केयर सेंटर लेकर पहुंचे, जहां ऑपरेशन के बाद मरीज को मेडिकल के वार्ड में भर्ती कर दिया गया। ऑपरेशन सफल नहीं होने के कारण महिला 3 माह तक भर्ती रही, लेकिन उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ। दाएं हाथ में कोहनी और कलाई के बीच की एक हड्डी खराब होने के साथ ही त्वचा भी खराब हो गई थी। इसके बाद महिला फॉलोअप के लिए पहुंची, लेकिन समस्या दूर नहीं हुई, तो उसने निजी अस्पताल में हाथ की खराब और काली पड़ चुकी हड्डी को निजी डॉक्टरों की सलाह पर  निकलवा लिया। वहां मेजर ऑपरेशन की सुविधा नहीं होने से महिला मेडिकल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में 23 जुलाई को भर्ती हुई, जहां 7 अगस्त को उसका ऑपरेशन किया गया।

13 घंटे चले ऑपरेशन के बाद महिला स्वास्थ्य है और उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। प्लास्टिक सर्जरी के डॉ. सुरेश पाटील, डॉ. तरुण देशभ्रतार, एनेस्थेसिया विभाग प्रमुख डॉ. नरेश तिरपुडे, डॉ. दीपक रूपारेल, निवासी चिकित्सक डॉ. पूजा ममतानी, डॉ. कार्ल मेहता, डॉ. नीलकंठ पाटील व डॉ. मुकुल देशपांडे ने ऑपरेशन में  महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


13 घंटे चला आपरेशन
महिला का वजन 110 किलोग्राम था, जिससे उसे 13 घंटे तक चलने वाले ऑपरेशन के लिए एनेस्थिसिया देना एक बड़ी चुनौती थी। मंगलवार को सुबह 9 बजे शुरू हुआ ऑपरेशन रात 10 बजे तक चलता रहा। महिला के दाएं हाथ की कलाई और कोहनी के बीच की रेडियस हड्डी को निकाल कर उसकी जगह पैर की फिब्यूला हड्डी को लगाया गया। फिब्यूला हड्डी की जगह राड डाली गई। हाथ में राड न डाल कर पैर की हड्डी डालने के कारण बीमारियों से बचाने के साथ ही हाथ के अच्छे मूवमेंट को बनाए रखना है। मोटापा के कारण मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है, इसलिए उसे फाइबर ऑपटिव से बेहोश किया गया। दर्द के लिए फेनटानिल व टेस्प्यूरेन दिया गया। इतना ही नहीं, मरीज की कॉस्मेटिक सर्जरी के लिए बाईं जांघ से त्वचा निकालकर उसे हाथ पर लगाया गया।

Created On :   10 Aug 2018 11:59 AM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story