एक दर्दनाक सड़क हादसे ने लील लिया पूरा परिवार- 3 सौ बच्चे भी हुए अनाथ

डिजिटल डेस्क, बीड, सुनील चौरे। दर्दनाक सड़क हादसे के दौरान गुरूकुल के 300 से ज्यादा विद्यार्थी अनाथ हो गए। जिनकी पढ़ाई का जिम्मा उठाने वाले सुदाम शंकर भोंडवे अपने परिवार के साथ हादसे का शिकार हुए। साल 1985 में सुदाम भोंडवे ने एक झोपड़ी में दो बच्चे को शिक्षा दी थी। इसके बाद गरीब बच्चों को शिक्षित करने के प्रति उनकी ललक इतनी बढ़ गई कि हर साल बच्चे उनके साथ जुड़ते गए, जिनमें ज्यादातर तो पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़े हो चुके हैं, मौजूदा वक्त में शिक्षा ले रहे जरूरत मंद बच्चों के सामने यह हादसा किसी कहर से कम नहीं माना जा रहा है।
सुदाम शंकर भोंडवे ने 1986 को डोमरी गांव में सोनदरा गुरूकुल की स्थापना की थी। गुरूकुल को 16 एकड़ जमीन दान दी। सामाजिक कार्यकर्ता की मदद से गन्ना कटाई मजदूरों के बच्चे, बेसहारा और गरीब बच्चे को सहारा देकर मुक्त शिक्षा दिलाने का काम किया। उन्होंने इन 38 सालो में चार हजार से अधिक बच्चों को मुक्त शिक्षा देकर उनका भविष्य संवार दिया।
जानकारी के अनुसार सुदाम शंकर भोंडवे उनकी पत्नी सिंधुताई सुदाम भोंडवे उम्र 60 साल, कार्तिकी अश्विन भोंडवे उम्र 30 साल, आनंदी आश्विन भोंडवे की पुणे में सड़क हादसे के दौरान मौत हो गई । बुधवार सुबह भोंडवे परिवार के सदस्यों के शव डोमरी गांव में लाए गए। नम आंखों से चारों को विदाई दी गई, अंतिम संस्कार के बाद से गुरूकुल में मातम पसर गया है। भोंडवे का परिवार खत्म हो गया, लेकिन उनके पीछे शिक्षा ले रहे सैंकड़ों बच्चों का भविष्य संकट में नजर आ रहा है।
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Created On :   22 Feb 2023 8:24 PM IST