पेंशन लाभ के लिए रिटायर्ड जज ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा 

a retired judge filled Petition for benefits of pension
पेंशन लाभ के लिए रिटायर्ड जज ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा 
पेंशन लाभ के लिए रिटायर्ड जज ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक रिटायर्ड जज ने पेंशन से जुड़े लाभ पाने के लिए बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में पूर्व जस्टिस नंदकिशोर देशपांडे ने अनुरोध किया है कि उन्हें हाईकोर्ट के जज के समतुल्य पेंशन से जुड़े लाभ दिए जाए। देशपांडे 65 वर्ष की उम्र में मुंबई और एसएनडीटी यूनिवर्सिटी कालेज ट्रिब्युनल के प्रोसाईंडिग अधिकारी के रुप में 10 अप्रैल 2014 को सेवानिवृत्त हुए हैं। याचिका में देशपांडे ने कहा है कि 2011 में हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य जज मोहित शाह ने कॉलेज ट्रिब्यूनल के प्रोसाईंडिग अधिकारी के पद की पेशकश की थी। लेकिन उस समय वे हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज के रुप में कार्यरत थे। एसे में उन्हें प्रोसाईंडिग अधिकारी के पद की पेशकश हाईकोर्ट के कार्यरत जज की हैसियत से की गई थी। इस तरह से वे हाईकोर्ट के जज के रुप में उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए थे। लिहाजा उन्होंने कहा कि वे हाईकोर्ट के जज की तरह पेंशन से जुड़े लाभ पाने का अधिकार रखते हैं। 

अधिसूचना रद्द करने की मांग

याचिका में मुख्य रुप से देशपांडे ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से 17 अप्रैल 2015 को जारी उस अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई। जिसमें कहा गया कि देशपांडे महाराष्ट्र राज्य की न्यायिक सेवा से जिला जज के रुप में सेवानिवृत्त हुए हैं। इस अधिसूचना के आधार पर देशपांडे को पत्र जारी किया गया है। जिसे निरस्त करने का अनुरोध भी याचिका में किया गया है। 

याचिका में किए दावे अस्वीकार

हाईकोर्ट प्रशासन ने देशपांडे की ओर से याचिका में किए गए दावों को अस्वीकार कर दिया है। प्रशासन के अनुसार देशपांडे जिला जज के रुप में सेवानिवृत्त हुए है। हाईकोर्ट के मुताबिक भारत के राष्ट्रपति ने देशपांडे की हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के रूप में की गई नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी थी। इसलिए वे कानून के मुताबिक हाईकोर्ट के जज की तरह पेंशन से जुड़े लाभ पाने के योग्य नहीं हैं।

Created On :   27 Oct 2017 4:58 PM GMT

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