चुनाव चिह्न की सूची से आप का ‘झाड़ू’ गायब, कार्यकर्ता ने बताया प्रशासन की घोर लापरवाही

Aap is missing from the list of election symbols
चुनाव चिह्न की सूची से आप का ‘झाड़ू’ गायब, कार्यकर्ता ने बताया प्रशासन की घोर लापरवाही
चुनाव चिह्न की सूची से आप का ‘झाड़ू’ गायब, कार्यकर्ता ने बताया प्रशासन की घोर लापरवाही

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी ने अलग-अलग जगहों से लगभग 50 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। पिछले वर्ष ही आम आदमी पार्टी ने महाराष्ट्र चुनाव आयोग में अपना चुनाव चिह्न "झाडू" रजिस्टर्ड करवाया था। किन्तु नागपुर जिलाधिकारी कार्यालय में चुनाव चिन्ह के फलक पर राज्य चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय आरक्षित चुनाव चिह्न की सूची में आम आदमी पार्टी का चुनाव चिह्न "झाड़ू" ही गायब हैं। विशेष यह कि स्वतंत्र उम्मीदवारों के लिए जारी स्वतंत्र चुनाव चिह्न की सूची में भी "झाड़ू"  चिह्न का नामोनिशान नहीं हैं। ऐसी स्थिति में आम आदमी   पार्टी के उम्मीदवारों और मतदाताओं के सामने चुनाव चिह्न को लेकर संभ्रम की विकट स्थिति निर्माण हो गई हैं। आप के कार्यकर्ता राजेश पौनीकर ने इसे लेकर चुनाव निर्णय अधिकारी, जिलाधिकारी कार्यालय नागपुर में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव चिह्न की प्रकाशित सूची में राज्य सरकार और चुनाव आयोग की भयंकर लापरवाही हुई है। सरकार और चुनाव आयोग की इस भूल का संज्ञान लेकर चुनाव निर्णय अधिकारी से  इस संबंध में अपनी राय और अभिप्राय तुरंत देने की मांग की है।

जब  नेताजी के लिए पुलिस ने खोला रास्ता
मध्य नागपुर से भाजपा विधायक विकास कुंभारे मध्य नागपुर क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरने के बाद बाहर आए और अपने समर्थकों को सेंट उर्सुला स्कूल की तरफ खड़ी कार लाने को कहा। यह रास्ता वाहनों की आवाजाही के लिए बंद होने की जानकारी दी, तो उन्होंने अपने समर्थक को इसी रास्ते से गाड़ी जिलाधीश कार्यालय के मुख्य द्वार के सामने तक लाने को कहा। नेताजी के कहने पर पुलिस ने बेरिकेट्स हटाकर वाहन (एमएच 49 एएस 2700) को  सेंट उर्सुला से जिलाधीश कार्यालय के गेट तक आने दिया। हालांकि पुलिस ने अन्य वाहनों को सख्ती से रोक दिया। यातायात की समस्या खड़ी न हो इसलिए पुलिस ने सेंट उर्सूला स्कूल से आकाशवाणी चौक तक वाहनों की आवाजाही बंद कर दी थी। जगह-जगह बेरिकेट्स लगाए गए थे। पुलिस कर्मियों ने गाड़ी रोकी तो विधायक की गाड़ी विधायक के कहने पर वहां तक जाने की जानकारी दी गई। विधायक के इशारे पर बेरिकेट्स साइड में किए गए और नेताजी के वाहन को जाने दिया गया।  जिलाधीश कार्यालय स्थित तहसील कार्यालय के मुख्य द्वार के पास वाहन आया और नेताजी उसमें बैठे और आकाशवाणी चौक होते हुए वहां से निकल गए। पुलिस ने उन्हें नियम समझाने की जरूरत नहीं समझी।
 

Created On :   5 Oct 2019 10:12 AM GMT

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