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पंद्रह दिन गांव के बाहर रहने की शर्त पर आरोपियों को मिली जमानत, माहौल रहा तनावपूर्ण
डिजिटल डेस्क, नागपुर। हिंगना तहसील के मोंढ़ा गांव में दरमियानी रात में राजनीतिक रंजिश खुलकर सामने आई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सरपंच और भाजपा के पूर्व उपसरपंच अपने-अपने समर्थकाें के साथ लाठी-काठी से लैस होकर आपस में भिड़ गए, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए। घटना का पता चलते ही दंगा निरोधक के साथ हिंगना पुलिस गांव पहुंची। दोनों गुटों के 13 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। शुक्रवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। पेशी के दौरान कोर्ट ने आरोपियों को पंद्रह दिन गांव से बाहर रहने की शर्त पर जमानत दी है, ताकि गांव में शांति बनी रहे।
गांव वालों को हो रही थी परेशानी
माेंढ़ा गांव में गत कुछ दिनों से पुल का निर्माण कार्य जारी है। निर्माण कार्य बहुत ही धीमी गति से चल रहा है। इस कारण गांव के लोगों को आने-जाने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव के लोगों का कहना था कि सरपंच को पहले पर्यायी रास्ते का निर्माण करवाना था, उसके बाद ही पुल का काम चालू करना चाहिए था। इस बात को लेकर शुभम काकडे और पंकज भोयर का गांव के चौराहे पर सरपंच रवींद्र आदमने के साथ विवाद हो गया, बाद में हाथापाई भी हो गई। यह खबर जंगल में लगी आग की तरह गांव में फैलते ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सरपंच रवींद्र आदमने और भाजपा के पूर्व उपसरपंच विनोद शंकर काकडे के समर्थक लाठी-काठी से लैस होकर आपस में भिड़ गए। जिसमें विनोद सहित कुछ और भी लोग घायल हो गए। इस बीच घटना का पता चलते ही हिंगना पुलिस सह दल-बल मौके पर पहुंची।
इन पर किया मामला दर्ज
गांव में तनावपूर्ण माहौल होने से दंगा निरोधक दस्ते को बुलाया गया। गांव में अभी भी तनावपूर्ण शांति है। इस बीच पुलिस ने दोनों गुटों के सरपंच और पूर्व उपसरपंच सहित रवींद्र संतोष आदमने (45), प्रदीप नामदेव आदमने (33), संदीप नामदेव आदमने (32), विकास युवराज काकडे (22), प्रफुल युवराज काकडे (25), रामभाऊ चंदनकर (55), नाना कांेडलकर (43) और प्रशांत आमदने आदि के खिलाफ प्रकरण दर्ज िकया गया है। इस बीच शुक्रवार की दोपहर सभी आरोपियों को स्थानीय कोर्ट में पेश िकया गया है। जहां से कोर्ट ने उन्हें इस शर्त पर जमानत दी है कि आरोपी पंद्रह दिन तक गांव में कदम नहीं रखेंगे, ताकि गांव में शांति बनी रहे।
मध्यस्थता करने गए थे
हमले में पूर्व उपसरपंच मध्यस्थता करने गए थे। आरोप है कि उसी समय राजनीतिक रंजिश के कारण सरपंच और उसके समर्थकों ने उपसरपंच पर हमला कर उसका सिर फोड़ दिया।
Created On :   28 Feb 2020 9:03 PM IST