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आरोपी ने भाई को भेजी थी नाबालिक बहन की न्यूड तस्वीर, रजामंदी के बावजूद मामला रद्द नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में पीड़िता के साथ समझौते के तहत मामले को सुलझाने के बावजूद आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी पर जंघन्य अपराध का आरोप है। एफआईआर में उल्लेखित आरोप हैरानी भरे है। जांच के दौरान पुलिस को आरोपी के खिलाफ आरोपों को लेकर काफी सबूत मिले हैं। जिसके मद्देनजर न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की खंडपीठ ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म व पाक्सो तथा सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इंकार कर दिया और आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया।
21 वर्षीय आरोपी ने याचिका में दावा किया था कि उसने शिकायतकर्ता के साथ अपना मामला सुलझा लिया है। वह अब अपने कैरियर को लेकर जीवन में आगे बढना चाहता है। इसलिए उसके खिलाफ नई मुंबई के सानापाडा पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया जाए। उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है। जिसका वह इलाज करा रहा है। उसने सहमति से शिकायतकर्ता की नग्न तस्वीरे खीची थी और सहमति के साथ उसके साथ संबंध बनाए थे। इसलिए इस प्रकरण में दुष्कर्म का मामला नहीं बनता है।
मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद अदालत ने पाया कि इस मामले में शिकायतकर्ता की उम्र 17 साल 6 महीने है। आरोपी ने न सिर्फ शिकायतकर्ता की नग्न तस्वीरे खीची बल्कि उसके भाई को भी तस्वीरों को यू ट्यूब के लिंक से भेजा। जिससे उसके भाई को काफी मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा। खंडपीठ ने कहा कि एफआईआर में लगाए गए आरोप अचंभित व हैरान करते हैं। इसलिए हम समझौते के आधार पर आरोपी के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द नहीं कर सकते हैं। क्योंकि उस पर गंभीर आरोप है। आरोपी निचली अदालत में मुकदमे का सामना करे। इस तरह से खंडपीठ ने आरोपी को राहत देने से इंकार करते हुए उसकी याचिका को खारिज कर दिया।
Created On :   13 Nov 2020 7:55 PM IST