जिले के नौ कृषि केंद्रों के लाइसेंस निलंबित, अनुदानित खाद ऑफलाइन प्रणाली से बेचने के कारण हुई कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जिले में फिलहाल ग्रीष्मकालीन धान की फसल के लिए, रोपाई एवं पौधों की वृद्धि के लिए किसानों को बड़े पैमाने पर रासायनिक खाद की आवश्यकता होती है। केंद्र सरकार ने कृषि केंद्र संचालकों को पॉज मशीन के माध्यम से खाद बिक्री करना अनिवार्य कर दिया है। इसके बावजूद जिले के कृषि केंद्र संचालकों द्वारा ऑफलाइन पद्धति से अनुदानित खाद की बिक्री किए जाने के कुछ मामले सामने आए हैं। जिले में ऐसे कुल 9 कृषि केंद्रों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। यह जानकारी जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी हिंदुराव चव्हाण ने दी है।
चव्हाण ने बताया कि शिकायतप्राप्त कृषि केंद्रों की जांच की गई तो अनुदानित खाद की ऑफलाइन पद्धति से बिक्री करने, केंद्रों में लाइसेंस दर्शनीय स्थल पर न लगाने, स्टॉक एवं रेट बोर्ड अपडेट न रखने, स्टॉक और बिक्री रजीस्टर न रखने, फार्म-एन में स्टॉक का पंजीयन न करने, बिलों पर किसानों के हस्ताक्षर न लेने, उसी प्रकार बैच नंबर, उत्पादन की तारीख न लिखने जैसे कारणों के आधार पर इन कृषि केंद्रों के लाइसेंस निलंबित किए गए।
जिन कृषि केंद्रों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं उनमें डोंगरे कृषि केंद्र साखरीटोला तहसील सालेकसा, मुन्ना कृषि केंद्र कोडेलोहारा तहसील तिरोड़ा, साठवणे कृषि केंद्र सरांडी तहसील तिरोड़ा, मोना कृषि केंद्र एकोडी तहसील गोंदिया, आदर्श कृषि केंद्र चुटिया तहसील गोंदिया, मां वैष्णवी कृषि केंद्र मुंडीकोटा तहसील तिरोड़ा इन 6 कृषि केंद्रों के लाइसेंस 6 माह के लिए एवं साई कृषि केंद्र कोयलारी तहसील तिरोड़ा, गजानन कृषि केंद्र तिगांव तहसील आमगांव एवं राधे कृषि केंद्र आमगांव खुर्द तहसील सालेकसा इन तीन कृषि केंद्रों के लाइसेंस तीन माह के लिए निलंबित किए गए हैं।
नियमों का पालन न किया तो जरूर होगी कार्रवाई
हिंदुराव चव्हाण, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी के मुताबिक कृषि सामग्री की बिक्री करते समय कृषि विभाग द्वारा निर्धारित नियम एवं कानून का पालन उचित तरीके से किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार की अनियमितता अथवा अनुदानित खाद की ऑफलाइन पद्धति से बिक्री करते हुए पाए जाने पर संबंधित विक्रेता पर खाद नियंत्रण आदेश एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
Created On :   23 Feb 2023 7:49 PM IST