प्रचार का अपना स्टाइल : नौजवानों के बीच जाएंगे आदित्य, भाजपा लेगी लोकसंगीत का सहारा

Aditya will communicate with youth, ‌BJP depends on folk music
प्रचार का अपना स्टाइल : नौजवानों के बीच जाएंगे आदित्य, भाजपा लेगी लोकसंगीत का सहारा
प्रचार का अपना स्टाइल : नौजवानों के बीच जाएंगे आदित्य, भाजपा लेगी लोकसंगीत का सहारा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश के युवाओं को पार्टी से जोड़ने के लिए युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे नौजवानों से संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम को युवा सेना ने ‘आदित्य संवाद’ नाम दिया है। आदित्य संवाद कार्यक्रम की शुरुआत 2 अप्रैल को औरंगाबाद के औरंगपुरा स्थित सरस्वती भवन महाविद्यालय में होगा। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में पांच जगहों औरंगाबाद, नाशिक, कोल्हापुर, मुंबई और पिंपरी-चिंचवड में ‘आदित्य संवाद’ कार्यक्रम होगा। सोमवार को शिवसेना भवन में युवासेना सचिव वरुण सरदेसाई ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में युवा आदित्य से सवाल भी पूछ सकेंगे। आदित्य संवाद कार्यक्रम में 18 से 35 आयु वर्ग वाले लोग हिस्सा ले सकेंगे। कार्यक्रम में आने के लिए पहले से पंजीयन करना जरूरी होगा। वरुण ने बताया कि 6 अप्रैल को नाशिक, 13 अप्रैल को कोल्हापुर, 21 अप्रैल को मुंबई और 24 अप्रैल को पिंपरी-चिंचवड में ‘आदित्य संवाद’ कार्यक्रम आयोजित होगा। 

प्रशांत किशोर की नहीं ली गई मदद 

वरुण ने इस बात से इंकार किया कि आदित्य संवाद कार्यक्रम की रूपरेखा जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने तैयार की है। उन्होंने कहा कि युवा सेना ने अपनी सोच से आदित्य संवाद कार्यक्रम का प्रारूप को तैयार किया है। वरुण ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव तक आदित्य संवाद कार्यक्रम का आयोजन जारी रहेगा। इसके जरिए आदित्य ठाकरे ने पहले चरण में 6 लाख लोगों तक सीधे और 15  लाख से अधिक लोगों तक डिजिटल मंच के जरिए पहुंचने का लक्ष्य रखा है। लोकसभा चुनाव के बाद विदर्भ में आदित्य संवाद कार्यक्रम आयोजित होगा। 

सोशल मीडिया के युग में भी पार्टी को पारंपरिक पद्धति पर विश्वास 

उधर आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी के दौरे पर सोशल मीडिया जैसे प्रभावी माध्यम के बावजूद लोकसभा चुनाव में भाजपा पारंपरिक लोककला के जरिए ग्रामीण इलाकों में वोटरों तक पहुंचने की कोशिश में है। महाराष्ट्र भाजपा पारंपरिक लोक कला पोवाडा, नाटक, बतावणी (तमाशा), भारूड और गोंधळ (गीत) जैसे लोक संस्कृति से जुड़े माध्यमों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए करेगी। इसके साथ ही पारंपरिक लोककला के कलाकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान ‘मैं भी चौकीदार’ को गांव-गांव तक पहुंचाएंगे। भाजपा की तरफ से पार्टी के कोटे वाले लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 6 अप्रैल से लोककला के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सोमवार को लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की तरफ से गठित पारंपरिक अभियान समिति के सदस्य व विधायक संजय ऊर्फ बाला भेगडे ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में यह जानकारी दी। भेगडे ने कहा कि सोशल मीडिया के आने से पहले चुनाव प्रचार पारंपरिक लोककला के जरिए ही होता रहा है। पारंपरिक लोककला में भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई देती है। इसलिए लोग अपने आप को उससे जुड़ा हुआ मानते हैं। भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि पारंपरिक लोककला के जरिए केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया जाएगा। उन्होंने बताया कि भाजपा कोटे वाली 25 लोकसभा सीटों पर लोककला की प्रस्तुति के लिए तीन अलग-अलग टीमें तैयार की गई है। एक टीम में 6 सदस्य होंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक टीम दिन भर में चार से पांच कार्यक्रम करेगी। पारंपरिक अभियान समिति लोककलाओं में रूचि रखने वाले नए युवाओं को प्रस्तुति का मौका भी देगी। साथ ही युवा मोर्चा के पदाधिकारी भी इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। 
 

Created On :   1 April 2019 3:03 PM GMT

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