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प्रशासन को नहीं चाहिए जिंदा होने का सबूत, अगले आदेश तक प्रक्रिया स्थगित
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने फिलहाल लाभार्थियों से जिंदा होने का प्रमाणपत्र मांगने की प्रक्रिया स्थगित कर दी है। लाभार्थियों को सरकार से अनुदान मिलता है और 31 मार्च के पहले सभी लाभार्थियों को जिला प्रशासन के पास खुद के जिंदा होने का प्रमाणपत्र पेश करना था। कोरोना के कारण पूरी प्रक्रिया अगले आदेश तक स्थगित कर दी गई है।
संजय गांधी निराधार योजना के तहत जिले में 2 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को सरकारी अनुदान मिलता है। सरकार की तरफ से यह अनुदान सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा होता है। मरने के बाद भी अनुदान जारी न रहे, इसलिए प्रशासन की तरफ से लाभार्थियों से जिंदा होने का प्रमाण मांगा जाता है। लाभार्थी को 31 मार्च तक कार्यालय पहुंचकर प्रमाणपत्र पेश करना था। हर दिन सैकड़ों लाभार्थी कार्यालय पहुंच रहे थे। इससे काेरोना वायरस फैलने का डर सता रहा था। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने अगले आदेश तक यह प्रक्रिया स्थगित कर दी। कार्यालय में इस बारे में सूचना पत्रक भी लगाए गए हैं।
प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं
कोरोना की रोकथाम के लिए जिंदा होने का प्रमाणपत्र लेने की प्रक्रिया बंद की गई है। 31 मार्च तक यह प्रमाणपत्र जमा करना था, लेकिन अब ऐसी कोई शर्त नहीं है। अगले आदेश तक यह प्रक्रिया बंद रहेगी। प्रमाणपत्र जमा नहीं करने वालों का मानधन रोका नहीं जाएगा। प्रमाणपत्र कब से जमा करने होंगे, इस बारे में नए से आदेश जारी होंगे। - चैताली सावंत, तहसीलदार, संजय गांधी निराधार योजना, नागपुर
Created On :   18 March 2020 12:07 PM IST