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लाखांदुर तहसील में फल-फूल रहे अवैैध साहूकार
डिजिटल डेस्क, भंडारा। लाखनी तहसील में अनेक स्थानों पर अवैध साहुकारी का व्यवसाय शुरू है, संबंधित विभाग द्वारा अनदेखी किए जाने व सभी ओर दीवाली पर्व की तैयारियां शुरू होने के कारण किसानों सहित सामान्य नागरिकों को भी पैसों की आश्यकता होने के कारण अवैध साहुकारी का व्यवसाय भी दिवाली पर्व में अच्छा खासा फल फुल रहा है। फीलहाल जिन साहुकारों द्वारा साहुकारी की जा रही है, उनके पास लायसन्स है भी या नही इस संदर्भ में कहीं भी किसी भी प्रकार की जांच होती हुई दिखाई नही दे रही है। अवैध तरीके से इस प्रकार का व्यवसाय करने वालों के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार द्वारा सख्ती बरतते हुए गैर कानूनी तरीके से इस प्रकार की साहुकारी करने वाले खिलाफ शासन द्वारा महाराष्ट्र साहूकारी अध्यादेश वर्ष 2014 उक्त् संशोधीत कानून को संपूर्ण राज्य में लागू किया गया है।
उपरोक्त नये कानून में किए गए संशोधन के अनुसार बिना लायसन्स के साहुकारी करने वालों को पाच वर्ष कैद की शिक्षा एवं 50 हजार रूपय तक जुर्माना लग सकता है। राज्य में गैर कानूनी तरीके से की जा रही अवैध साहूकारी पर नकेल कसी जाएगी, इस प्रकार की अपेक्षा होने के उपरांत भी संबंधित विभाग द्वारा अब तक कहीं भी किसी भी प्रकार की कार्रवाई होती हुई दिखाई नही दे रही है।
नयी नियमावली के अध्यादेश अनुसार साहूकार कानून के संदर्भ में लायसन्स धारक साहुकारों को भी किसानों को फसल के लिए व खेती के लिए कर्ज देते समय किसानों को स्थायी संपती को गीरवी नही रखा जाएगा, साहूकार कर्ज के मुद्दल के अधिक ब्याज नही लगा सकेगे, गीरवी व बिना गीरवी कर्ज के लिए शासन द्वारा निश्चित किया गया ब्याज दर लगाना ही अनिवार्य किया गया है, साथ ही प्रत्यके तीन माह में किसानों को रशीद देना भी अनिवार्य किया गया है, प्रतिवर्ष साहूकारों को लायसन्स नवनीकरण करना आवश्यक है।
उपरोक्त कानून के अनुसार गलत तरीके से लायसन्स तैयार करना, उल्लेख किए गए पते के अतिरिक्त एवं कार्यक्षेत्र के बाहर जाकर साहूकारी का व्यवसाय करना, दूसरे के नाम पर साहुकारी करते हुए पाए जाने पर धारा 41 अन्वये पहिली मर्तबा अपराध करते हुए पाए जाने पर एक वर्ष तक कैद अथवा 15 हजार रूपय जुर्माना, दोनो प्रकार की सजा हो सकती है।
इस प्रकार का अपराध दूसरी मर्तबा अथवा उसके उपरांत किए जाने पर 5 वर्ष तक की कैद व 50 हजार रूपय का जुर्माना लग सकता है, इसके अतिरिक्त बंधनपत्र, वचन चिठ्ठभ् सहित इस प्रकार के अन्य दस्तावेज लेते हुए पाए जाने पर तीन वर्ष की कैद, 25 हजार रूपय का जुर्माना एवं दोनो सजा हो सकती है।
परंतु संबंधित विभाग द्वारा इस संदर्भ में किसी भी प्रकार की जांच पड़ताल नही की जा रही है।
Created On :   27 Oct 2021 6:26 PM IST