13 साल बाद सरकार की दो टूक...बता नहीं सकते छिंदवाड़ा कब बनेगा संभाग

13 साल बाद सरकार की दो टूक...बता नहीं सकते छिंदवाड़ा कब बनेगा संभाग
13 साल बाद सरकार की दो टूक...बता नहीं सकते छिंदवाड़ा कब बनेगा संभाग

2008 की घोषणा पर 2021 में भी नहीं हुआ अमल, आपत्तियों में उलझा मामला, अब ठंडे बस्ते में संभाग बनाने की पहल
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा ।
13 साल से संभाग का सपना देख रही छिंदवाड़ा की जनता को सरकार ने दो टूक जवाब दे दिया है। परासिया विधायक सोहन वाल्मिक द्वारा पूछे गए सवाल पर राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का सालों बाद भी ये कहना है कि अभी नहीं बता सकते हैं छिंदवाड़ा को संभाग कब बनाया जाएगा? जबकि जिले को संभाग बनाने की घोषणा खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 2008 में की गई थी। 13 साल पहले (2008 में) स्टेडियम ग्राउंड में हुई जनसभा में छिंदवाड़ा को संभाग बनाए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। इसके बाद शुरू हुई प्रक्रिया में 6 जून 2008 को मप्र राजस्व विभाग द्वारा छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। प्रदेश सरकार ने मप्र के राजपत्र में प्रस्तावित छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की अधिसूचना जारी कर दी। अधिसूचना में छिंदवाड़ा, बालाघाट और सिवनी को मिलाकर छिंदवाड़ा को संभाग का दर्जा दिए जाने की तैयारी चल रही थी, लेकिन दावा-आपत्तियों और रानीतिक खींचातानी के बीच 13 साल के बाद भी प्रस्ताव कागजों में ही है। हाल ही में जारी विधानसभा की कार्रवाई में परासिया विधायक ने फिर से इस मामले को उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा कि कब तक छिंदवाड़ा को संभाग का दर्जा मिल सकता है, लेकिन  13 साल बाद भी राजस्व मंत्री ने सवाल के जवाब में ये लिखा है कि छिंदवाड़ा को संभाग बनाने की समय सीमा बताना फिलहाल संभव नहीं है।
संभाग के खिलाफ आई थी 20 आपत्तियां
बालाघाट और सिवनी को छिंदवाड़ा संभाग में शामिल करने के प्रस्ताव के साथ ही दोनों ही पड़ोसी जिलों के जनप्रतिनिधियों ने 20 आपत्तियां दर्ज कराई थी। शासन द्वारा 27 अगस्त 2008 को ये आपत्तियां बुलाई थी। पहले तो चार सालों तक इन आपत्तियों का निराकरण ही नहीं किया गया। बालाघाट के जनप्रतिनिधियों की आपत्ति थी कि बालाघाट से छिंदवाड़ा की दूरी अधिक होने से सरकारी कार्य कराने में उन्हें दिक्कत आएगी। जबकि सिवनी के जनप्रतिनिधि सिवनी को ही संभाग बनाने की मांग कर रहे थे।
सियासी उलझनें, छिंदवाड़ा के प्रतिनिधियों ने नहीं दिखाया दम
छिंदवाड़ा को संभाग बनाने में सियासी उलझनें भी काफी हुई। 2008 में आपत्ति बुलाने के बाद 2012 में इन आपत्तियों का निराकरण राजस्व विभाग द्वारा किया गया। तब उम्मीद थी कि अब छिंदवाड़ा को राजस्व का दर्जा मिल जाएगा, लेकिन इस बीच सिवनी की तात्कालिक विधायक नीता पटेरिया ने सिवनी को संभाग बनाने की याचिका दायर कर दी। राजस्व विभाग ने इस याचिका के बाद मुख्यमंत्री श्री चौहान की घोषणा को भूलकर सिवनी को संभाग बनाने की तैयारी शुरू कर दी थी।
इनका कहना है...
13 साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी, लेकिन वे अब अपनी ही घोषणा को भूल गए हैं, अब जिलेवासियों को खुद आगे आकर उनकी घोषणा याद दिलानी होगी और संभाग का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष भी करना होगा।
-सोहन वाल्मिक, विधायक, परासिया
॥तीन जिलों को मिलाकर छिंदवाड़ा को संभाग बनाया जाना है। जिसको लेकर दो जिले आपत्ति दर्ज करा रहे हैं। परासिया विधायक वाल्मिक और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को संभाग की इतनी चिंता थी तो वे अपने कार्यकाल में संभाग का दर्जा जिले को क्यों नहीं दिला पाए?
-चौधरी चंद्रभान सिंह, पूर्व विधायक, छिंदवाड़ा
 

Created On :   26 Feb 2021 1:53 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story