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जमाना बदल गया प्यारे : अब स्मार्टफोन के साथ दादा-दादी भी हुए स्मार्ट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना महामारी के समय अकेले रह रहे बुजुर्गों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। इन समस्याओं से सीख लेते हुए अब बुजुर्गों ने स्मार्टफोन की तरह खुद को स्मार्ट बना लिया है। स्मार्टफोन का उपयोग कर वे अपनी जरूरतें पूरी कर ले रहे हैं, यानी दादा-दादी डिजिटल हो गए हैं। इसमें पोता-पोतियों ने दादा-दादी की मदद की है। मोबाइल में विभिन्न एप डाउनलोड कर दिए हैं, ताकि वे अपना आवश्यक कार्य कर सकें। ऐसे कुछ दादा-दादी से चर्चा करने पर उन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया।
अब तो जरूरत बन गया फोन
सरोज व प्रभाकर ताम्हणे के मुताबिक कोरोना ने बहुत सारी चीजें सिखाई हैं। महामारी के कारण हम डिजिटली भी अपडेट हो गए हैं। एक समय था जब हम हाथ में स्मार्टफोन नहीं रखते थे, लेकिन ये स्मार्टफोन इतना आवश्यक हो जाएगा, ये पता नहीं था। मोबाइल में बच्चों ने बहुत सारे एप डाउनलोड कर दिए हैं, जिससे शॉपिंग, सब्जी से लेकर दवाइयां भी ऑर्डर कर देते हैं। अब तो बहुत सारी समस्याओं का समाधान हो गया है। आराम से टाइमपास भी हो जाता है।
ऑनलाइन करते हैं पेमेंट
गौरी व सुधीर कुलकर्णी का कहना है कि अब तो कुछ भी मंगा कर ऑनलाइन पेमेंट कर देते हैं। हम दादा-दादी को पोते ने स्मार्ट बना दिया है। लॉकडाउन से लेकर अब तक फोन के बहुत सारे फीचर्स सीख लिए हैं। पहले ऑपरेट करने में डर लगता था, लेकिन अब आसानी से ऑपरेट कर लेते हैं। स्मार्टफोन से दूरियां और बच्चों पर निर्भरता भी कम हो गई हैं। जब भी किसी को देखने का मन करे, वीडियोकॉल करके देख सकते हैं। कोरोना ने हम बुजुर्गों को स्मार्टफोन की आदत लगा दी है।
महेश कॉलोनी में रहने वाले श्यामसुंदर राठी के मुताबिक कोरोनाकाल ने लोगों के रहन-सहन को काफी बदल दिया है। संक्रमण को देखते हुए बैंकिंग, शॉपिंग या अन्य काम डिजिटल करना ही बेहतर है। पहले सामान्य फोन से भी काम चल जाता था। अब स्मार्टफोन के बिना काम नहीं चल सकता है, इसलिए मैंने भी खुद को स्मार्टफोन के लिए खुद को अपडेट कर लिया है। इसमें मेरी पोती ह्रितवी राठी ने मेरी मदद की है। हर किसी को स्मार्टफोन के साथ स्मार्ट बनना समय की मांग है।
Created On :   22 Dec 2020 5:52 PM IST