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मंत्रालय के सामने बहाया दूध, आरसीईपी समझौते से किसानों को नुकसान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। स्वाभिमानी पक्ष के नेता और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने सोमवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मंत्रालय के सामने दूध फेंककर आंदोलन किया। शेट्टी रीजनल कांप्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) मुक्त व्यापार समझौते का विरोध कर रहे हैं। शेट्टी के मुताबिक इस समझौते के चलते वस्त्रोद्योग झेत्र और दुग्ध व्यवसाय से जुड़े किसानों की कमर टूट जाएगी। आंदोलन के बाद मरीन ड्राइव पुलिस ने शेट्टी और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।
शेट्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह का समझौता कर रहे हैं उससे 16 देशों से बिना किसी आयात शुल्क के कई वस्तुओं का भारत में आयात किया जा सकेगा। सरकार ने न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से समझौता किया है जहां से बेहद कम कीमत पर आने वाले डेरी उत्पाद देश के दुग्ध उत्पादक किसानों के लिए परेशानी खड़ी करेंगे। इसके अलावा वस्त्रोद्योग क्षेत्र में चीन और बांग्लादेश, ऑटोमोबाइल क्षेत्र में जापान से समझौता किया जा रहा है।
शेट्टी ने कहा कि फिलहाल देश दूध और उससे जुड़े उत्पादों के मामले में अग्रणी है लेकिन अगर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से बिना शुल्क आयात की इजाजत मिल गई तो दुग्ध उत्पाद क्षेत्र की कमर टूट जाएगी औऱ देश के करीब 10 करोड़ दूध उत्पादक किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। पहले ही नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसलों के चलते देश में बेरोजगारी चरम पर है और इस समझौते से डेयरी, वस्त्रोद्योग और ऑटोमोबाइल क्षेत्र और संकट में फंस जाएंगे।
डेयरी और वस्त्रोद्योग क्षेत्र में सबसे ज्यादा रोजगार मिलता है। शेट्टी ने कहा कि अगर सरकार ने समझौता रद्द नहीं किया तो अखिल भारतीय संघर्ष समन्वय समिति के जरिए 200 से ज्यादा संगठन एक साथ आकर लड़ाई शुरू करेंगे। आंदोलन के दौरान शेट्टी के साथ विधायक देवेंद्र भुयार, पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रविकांत तुपकर समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।
Created On :   4 Nov 2019 4:12 PM GMT