महाराष्ट्र की चार कंपनियों के विदेशी निवेश के चलते दावोस में करार किया गया- उदय सामंत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने महाराष्ट्र की चार कंपनियों के साथ दोवास में किए गए करार को लेकर विपक्ष की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद सफाई दी है। रविवार को रत्नागिरी से फेसबुक लाइव के माध्यम सामंत ने कहा कि राज्य सरकार ने महाराष्ट्र की महिंद्रा एंड महिंद्रा, राजुरी स्टील एंड एलॉयज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, न्यू इरा क्लीन टेक सोल्युशन्स प्राइवेट लिमिटेड और वरद फेरो एलायज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ दावोस में करार किया है। यह बात सच है कि इन चारों कंपनियों का रजिस्ट्रेशन महाराष्ट्र का है। लेकिन चारों कंपनियां महाराष्ट्र में विदेशी निवेश करने वाली हैं। इसके चलते राज्य सरकार ने दावोस में चारों कंपनियों के साथ करार दिया है।
सामंत ने कहा कि इन चारों कंपनियों ने महाराष्ट्र में निवेश के लिए पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार ने प्रोत्साहन राशि की मांग की थी। लेकिन तत्कालीन सरकार की मंत्रिमंडल की उपसमिति ने चारों कंपनियों को मांग की तुलना में कम प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया था। जिसके कारण राज्य में सरकार बदलने के बाद अब चारों कंपनियों ने दावोस में जाकर करार किया है। सामंत ने कहा कि किसी कंपनी को यदि भारत में विदेशी निवेश करना है तो उसको पहले भारत में पंजीयन कराना पड़ता है। भारत में कोई कंपनी विदेशी निवेश को लेकर आरबीआई के प्रमाण पत्र के बिना शुरू नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि चार कंपनियों से हुए करार को लेकर विपक्ष राज्य की जनता को भ्रमित कर रहा है। विपक्ष राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार को बदनाम कर रहा है।
सामंत ने कहा कि राज्य सरकार ने दोवास में विभिन्न कंपनियों के साथ 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का करार दिया है। इससे विपक्ष के पेट में दर्द शुरू हो गया है। इसके पहले शिवसेना के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व उद्योग मंत्री सुभाष देसाई और प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने दोवास में हुए करार को लेकर सवाल उठाया था। पूर्व मंत्री देसाई ने कहा था कि यदि सरकार को महाराष्ट्र की कंपनियों के साथ करार करना था तो उसके लिए दावोस जाने की जरूरत क्या था। राज्य सरकार महाराष्ट्र में ही उन कंपनियों के साथ करार कर सकती है।
Created On :   23 Jan 2023 5:31 PM IST