कार्यालयीन समय पर वीरान नजर आया कृषि कार्यालय

डिजिटल डेस्क, भंडारा. तुमसर तहसील का तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय मंगलवार 10 जनवरी को कार्यालयीन समय पर वीरान नजर आया। कर्मचारियों के अभाव में किसानों को काम किए बिना वापिस लौटते जाता देख शिवसेना ने जिला कृषि अधीक्षक कार्यालय में शिकायत देकर लेटलतीफ कर्मचारी पर कार्रवाई कर किसानों को न्याय देने की मांग की है। इसे लेकर कृषि अधीक्षक को पत्र दिया गया। तहसील के हजारो किसान प्रतिदिन तहसील के कृषि कार्यालय में पहुंचते हैं। लेकिन अधिकारी व कर्मचारी न मिलने से किसानों के काम कई दिनों तक लंबित रह जाते हैं। किसानों के लिए शासन के माध्यम से कृषि विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी नहीं मिल पाती। तहसील में राज्य शासन के कृषि विभाग की ओर से किसानों को खाद, बीज, कृषि यंत्र एवं कृषि पूरक अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। किसानों को समय–समय पर कृषि विषयक मार्गदर्शन देने की व्यवस्था है। खेती की उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से शासन की ओर से अनेक योजनाएं चलाई जाती है। मात्र, तहसील कृषि कार्यालय के तहत आनेवाले 97 गांवों के किसान इस योजना से वंचित हैं।
तुमसर में तहसील कृषि कार्यालय हे किराए के मकान में शुरू हैं। तहसील के किसानों को खेत के काम छोड़ कृषि विषयक मार्गदर्शन तथा शासकीय योजनाओं की जानकारी के लिए कृषि कार्यालय में आना पड़ता है। किंतु वहां जाने पर अधिकारी, क्षेत्र दौरा पर गए यह बताया जाता है। इससे किसानों को रुपयों व समय का नुकसान सहन कर परेशानी हो रही है।
इस संदर्भ में शिवसेना ने जिला कृषि अधीक्षक डा. अर्चना कडू को भंडारा जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में पत्र देकर तथा वरिष्ठ अधिकारियों से इस मामले में ध्यान देकर कार्रवाई करने की मांग की गई। यदि तहसील कृषि कार्यालय अपने कार्य में सुधार नहीं करने पर संबंधित तहसील कृषि कार्यालय के विरोध में आंदोलन किया जाएगा।
यह चेतावनी शिवसेना ने ज्ञापन सौंपते समय दी। इस समय शिवसेना विभाग प्रमुख अमित एच. मेश्राम, शाखा प्रमुख पुष्पक त्रिभुवनकर, निखिल कटारे, अमोल बावणे, घनश्याम पोटभरे, महेंद्रसिंग रावते, राजू ठाकूर, स्वप्निल बडवाईक, आदित्य गभने, दीपक मलेवार, रितेश शेंडे, योगेश चिंधालोरे, सतीश वाकरकर उपस्थित थे।
Created On :   12 Jan 2023 8:11 PM IST