बारिश से ठप पड़ा कृषि कार्य, नदी में मिला युवक का शव

डिजिटल डेस्क, आष्टी शहीद। एक सप्ताह से अधिक समय से हो रही लगातार बारिश से किसानों को खेती के कामों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले फसल की बुआई की समय बारिश का समय पर ना आने तथा जरूरत के अनुसार न होने से अधिकतर किसानों को दोबारा बुआई कार्य करना पड़ा था। ऊपर से महंगाई की मार से किसानों की आर्थिक स्थिति काफी नाजुक हो चुकी थी। बुआई कार्य पूरा होने के पश्चात ही जुलाई माह में आवश्यकता से अधिक वर्षा होने के कारण किसानों की फसल को संवारने का समय नहीं मिल पा रहा है। रोज रात-दिन हो रही बारिश से खेतों में पानी लबालब भरा नजर आ रहा है। इस कारण फसल प्रभावित हो रही है। अधिक वर्षा होने के कारण क्षेत्र के नदी नालों का पानी नजदीकी खेतों में घुसने लगा है। इससे किसानों का भारी नुकसान हो रहा है। शहर से सटे गांवों के नदी नालों की हालत काफी गंभीर बनी हुई है। अगर मौसम का ऐसा ही उग्र रूप रहा तो हालात सुधरना मुश्किल नजर आ रहा है। सरकारी अधिकारियों से इस ओर ध्यान देकर प्रभावित किसानों की सहायता करने की मांग किसान कर रहे हैं।
भास्कर न्यूज। वर्धा/यवतमाल. वर्धा और यवतमाल जिले में आई बाढ़ का बुधवार को राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जायजा लिया। उन्होंने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए वर्धा और यवतमाल जिले के जिलाधिकारियों से वर्तमान स्थिति का जायजा लेते हुए उन्हें शीघ्र पंचनामा कर नुकसान भरपाई के लिए प्रस्ताव पेश करने के निर्देश दिए। किसानों को फौरन सहायता मिल सके, कोई भी आपदाग्रस्त सहायता से वंचित न रहे और किसी प्रकार की जीवित हानि न हो इसका ध्यान रखने के निर्देश सीएम ने दिए। मंत्रालय की समिति कक्ष में यवतमाल-वर्धा के साथ गड़चिरोली व चंद्रपुर इन 4 जिलों के बाढ़ की क्षति का जायजा लिया गया। उन्होंने कहा कि, बाढ़ का असर उतरने के बाद पानी से होनेवाली बीमारियां न फैले, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पूरा ध्यान रहे। जल संपदा विभाग को भी नदी एवं बांध का मलबा निकालने के लिए उपाययोजना
करने को कहा।
इस समय जिलाधिकारी ने बाढ़, सहायता, बचावकार्य आदि की जानकारी दी। इस बैठक में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, संभागीय आयुक्त के साथ-साथ चार जिलों के जिलाधिाकारी, सीईओ, एसपी उपस्थित थे।
जिले में अब तक औसतन 614.3 मि.मी. वर्षा
जिले में गीले अकाल का साया मंडरा रहा है। वर्षा ऋतु के चार माह के अगस्त माह के अंतिम सप्ताह तक जितनी बारिश होनी थी, वह 20 हुलाई की सुबह तक हो चुकी है। जिले में चार माह में औसतन 900 मि.मी. बारिश होती है। गत जुन माह व चालू माह के 20 तारीख की सुबह तक औसतन 614.3 मि.मी. बारिश हो चुकी है। डेढ माह में जादा बारिश होने से जिले के माध्यम बांध व 20 लघु बांधो में लबालसब पानी भर गया है। इस के अलावा जिले के 8 तहसीलो के गावो के खेतो में बारिश का पानी भर गया है। जिले के सभी तहसीलो में अतिवृष्टी हो चुकी है। जिस से बाढ की परिस्थिति निर्माण हुई है। कई गावो का संपर्क टुट गया था। जिले के हजारो हेक्टेयर क्षेत्र की फसल बर्बाद हो गयी तथा करीब 9 लेगो की बिजली गिरने व बाढ में बहने से मौत हो चुकी है।
जिले के गत जुन व चालू माह के 20 जुलाई की सुबह तक आर्वी तहसील में 489.3 मि.मी. बारिश, कारंजा घाडगे तहसील में 471.1 मि.मी., आष्टी शहीद तहसील में 378.5 मि.मी., वर्धा तहसील में 643.9 मि.मी., सेलू तहसील में 604.6 मि.मी., देवली तहसील में 541.4 मि.मी., हिंगणघाट तहसील में 696 मि.मी., समुद्रपुर तहसील में 820.3 मि.मी. बारिश हो चुकी है। जिले में औसतन 614.3 मि.मी. बारिश हुई है।
नदी में मिला युवक का शव
उधर आर्णी के दिग्रस के एक युवक की अरूणावती नदी में लाश मिली है। इसकी सिनाख्त बुधवार की शाम की गई। जिसमें वह सुनिल आनंदा साखरकर ( 35), निवासी लिंबी तहसील दिग्रस के रूपमें हुई है। वह 19 जुलाई को उसके बडे पिता जो रूद्रपूर तहसील आर्णी में रहते है वहा आया था। वहा से कल ही शाम 4 बजे गांव की ओर लौट गया था। मगर घरतक नही पहुंचा। जब एक युवक का शव मिलने की खबर मिलतेही उसके रिश्तेदार चचेरा भाई आकाश साखरकर घटनास्थल पहुंचा तो लाश सुनील की दिखाई दी। उसने शिकायत में लिखा कि सुनील शराब का आदि था। उसी के चलते उसने यह आत्महत्या की होंगी। घटनास्थल पर थानेदार पितांबर जाधव और अन्य पुलिस कर्मी पहुंचे थे।
Created On :   21 July 2022 7:34 PM IST