अजित पवार बोले - हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने पर एतराज नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा है कि उन्हें हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने को लेकर कोई एतराज नहीं है। लेकिन हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के बारे में फैसला केंद्र सरकार को लेना है। दरअसल, राज्य सरकार के सांस्कृतिक कार्य विभाग ने सोमवार को महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी समिति के पुनर्गठन को लेकर एक शासनादेश जारी किया था। शासनादेश के प्रस्तावना में हिंदी का उल्लेख राष्ट्रभाषा के रूप में किया गया है। जिस पर राकांपा के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि महाराष्ट्र सरकार को यह मालूम नहीं है कि हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है? इस पर पत्रकारों से बातचीत में अजित ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित नहीं किया है क्योंकि दक्षिण के प्रदेश केरल, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक की हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का विरोध है। लेकिन महाराष्ट्र के नागरिक के रूप में मुझे हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने पर कोई आपत्ति नहीं है। अजित ने कहा कि वैश्विक भाषा के रूप में अंग्रेजी, राष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी और मातृभाषा के रूप में मराठी का उल्लेख किया जाता है। अंग्रेजी और मराठी भाषा के बारे में किसी की दो राय होने की जरूरत नहीं है। लेकिन हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के बारे में केंद्र सरकार को फैसला लेना है।
Created On :   17 Jan 2023 8:08 PM IST