जिला पंचायत में सभी सदस्य ऐसे जो पहली बार चुनकर आए

All the members in the Zilla Panchayat are such who came for the first time.
जिला पंचायत में सभी सदस्य ऐसे जो पहली बार चुनकर आए
पिछले कार्यकाल के 10 सदस्यों ने इस बार नहीं लड़ा चुनाव जिला पंचायत में सभी सदस्य ऐसे जो पहली बार चुनकर आए

डिजिटल डेस्क,शहडोल। जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव होने के बाद अध्यक्ष के लिए चल रही प्रतिस्पर्धा के बीच चौंकाने वाली बात यह है कि इस कार्यकाल के लिए चुनकर आने वाले सभी 14 सदस्य ऐसे हैं जो पहली बार चुनकर आए हैं। इससे पहले के कार्यकाल में जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्य रहे जनप्रतिनिधियों का इस कुर्सी से ऐसा मोहभंग हुआ कि 10 सदस्यों ने इस बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव ही नहीं लड़ा। जिन 4 सदस्यों ने चुनाव लड़ा भी तो उन्हे जनता ने नकार दिया। इसमें सुनीता परस्ते, रामप्रसाद कुशवाहा, श्यामा बड़करे और किशोरी चतुर्वेदी शामिल हैं। जिला पंचायत के लिए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव सदस्यों के बीच से ही होना है। इसके लिए 29 जुलाई की तारीख नियत की गई है। इस बीच अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए सदस्यों को हर तरह से राजी करने की कोशिशें चल रही है। 

भाजपा तय नहीं कर पा रही एक नाम, भोपाल से वीसी में मंथन

शहडोल जिला पंचायत अध्यक्ष सीट अनारक्षित महिला होने के बाद अध्यक्ष के लिए दावेदार तय करने में भाजपा में टकराव बढ़ता ही जा रहा है। इस सीट के लिए एक नाम तय नहीं होने के बाद बीते दिनों भोपाल से वीसी में पार्टी नेताओं के बीच इस विषय पर लंबी चर्चा हुई। हालांकि भाजपा के जिलाध्यक्ष कमल प्रताप सिंह ऐसी किसी बात से इत्तेफाक नहीं रख रहे हैं। उनका कहना है कि पार्टी ने नाम तय कर लिया है, जल्द घोषणा होगी।

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा-अब पहले जैसे बात नहीं

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नरेंद्र मराबी ने दैनिक भास्कर को बताया कि जिला पंचायत में अध्यक्ष व सदस्यों के पास कोई विशेष अधिकार नहीं रहता है। इसमें अब पहले जैसी बात भी नहीं रही। दूसरी ओर आम जनता की अपेक्षाएं बहुत रहती है। ऐसे में उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना भी आसान नहीं रहता। सारे अधिकार सरकार ने अपने पास रख लिए हैं। जिला पंचायत के जनप्रतिनिधियों के पास सामान्य सभा, सामान्य प्रशासन की बैठक बुलाने का ही अधिकार रह गया है। अलग से कोई मद नहीं है। पहले अध्यक्ष के लिए 20-25 लाख रुपए सदस्य के लिए 5-10 लाख रुपए विकास कार्यों के लिए बजट का प्रावधान था। पिछला कार्यकाल समाप्त होने के एक साल पहले ही वह भी खत्म हो गया। इसमें 15वें वित्त की राशि साल का डेढ़ करोड़ रुपए रहता है। जिसे सभी सदस्य मिलकर तय करते हैं कि विकास कार्य में कहां उपयोग होना है। 

अंजु गौतम ने कहा भाजपा समर्थित चेहरा दलित आदिवासी हो तो समर्थन को तैयार

विपक्ष की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष दावेदार अंजु गौतम रैदास ने कहा कि जिस प्रकार कांग्रेस पार्टी के पास पुष्पा शर्मा और अमरावती सिंह जैसे सदस्य होने के बाद भी मुझ दलित आदिवासी गरीब को समर्थन दिया है। हमारा और इस वर्ग का मनोबल बढ़ाया है। वैसे ही भाजपा की ओर से किसी दलित आदिवासी वर्ग की महिला को अध्यक्ष का दावेदार घोषित किया जाता है तो हम स्वयं समर्थन करेंगे।
 

Created On :   26 July 2022 8:12 AM GMT

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