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दिग्गजों की इन सीटों पर रहेगी नजरें, नागपुर जिले के अलावा सातारा लोकसभा उपचुनाव को लेकर उत्सुकता

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित कई पूर्व मुख्यमंत्री अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। साथ ही ठाकरे परिवार का कोई सदस्य पहली बार चुनाव मैदान में उतरा है। चुनाव परिणामों में इन सीटों को लेकर लोगों में खास दिलचस्पी रहेगी। मुख्यमंत्री फडणवीस नागपुर से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं तो शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के सुपुत्र आदित्य ठाकरे मुंबई की वर्ली सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं। लोकसभा चुनाव हारने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण अब विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण अपनी परपंरागत सीट कराड से मैदान में हैं। राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार बारामती से चुनाव लड़ रहे हैं। शरद पवार क पौते रोहित पवार जामखेड-कर्जत सीट से मैदान में हैं। लोगों की नजर अहमदनगर की इस सीट पर भी है। सातारा से राकांपा सांसद रहे उदयनराजे के इस्तीफे की वजह से हुए लोकसभा उपचुनाव में उदयनराजे बतौर भाजपा उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं। गुरुवार को इस उपचुनाव का भी परिणाम आएगा। दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के विधायक पुत्र अमित देशमुख के अलावा उनके दूसरे बेटे धीरज देशमुख पहली बार लातूर से चुनाव लड़े हैं।
नागपुर जिले में शत प्रतिशत परिणाम के दावे
भाजपा ने नागपुर जिले में शत प्रतिशत परिणाम के दावे के साथ जीत का उत्सव मनाने की तैयारी की है। शाम हो ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शहर में आएंगे। कांग्रेस व राकांपा ने भाजपा को चुनौती देते हुए कुछ सीटों पर अधिक ध्यान दिया है। एक दो सीट पर निर्दलीय दांव मारने का दावा कर रहे हैं। चुनाव परिणाम के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तगड़ा बंदोबस्त तैनात किया गया है। जिले में दक्षिण पश्चिम नागपुर सीट के भाजपा उम्मीदवार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जीत तय मानी जा रही है। लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार आशीष देशमुख की चुनौती का भी असर देखने की उत्सकुता सभी की रहेगी। जिले में विधानसभा की 12 सीटों के लिए 146 उम्मीदवार मैदान में है। मतगणना के लिए विधानसभा क्षेत्रवार केंद्र बनाए गए हैं। सिविल लाइन में 3 केंद्र है। शेष तीन केंद्र अलग अलग है। उम्मीदवारों को सहयोग के लिए समर्थकों को प्रवेश पत्र दिए गए हैं। सुबह 6 बजे सभी प्रतिनिधि मतगणना केंद्र पर उपस्थित हो जाएंगे। दोपहर में 4 बजे से चुनाव परिणाम घोषित होने लगेंगे। शहर की सभी 6 सीटों पर भाजपा व कांग्रेस में सीधा मुकाबला हुआ है। उत्तर नागपुर में बसपा की चुनौती की भी चर्चा है।
जिले में काटोल व हिंगणा सीट पर कांग्रेस ने राकांपा को समर्थन दिया है। उत्तर नागपुर व उमरेड सीट पर बसपा के प्रभाव को छोड़ शेष स्थान पर उनका जिक्र भी नहीं हो रहा है। दक्षिण नागपुर व कामठी की सबसे अधिक चर्चा चुनाव प्रचार के समय रही है। दक्षिण में विधायक सुधाकर कोहले की टिकट काटकर मोहन मते को भाजपा ने मैदान में उतारा। कामठी में पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के स्थान पर टेकचंद सावरकर को उम्मीदवार बनाया। इन क्षेत्रों में भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं में असंतोष देखा गया है। चुनाव परिणाम में तय होगा कि कार्यकर्ताओं का असंतोष कितना असर कर गया। रामटेक में शिवसेना के बागी व निर्दलीय उम्मीदवार आशीष जैस्वाल ने भाजपा उम्मीदवार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी की। आशीष के लिहाज से भी रामटेक का चुनाव परिणाम काफी उत्सुकता भरा है। सावनेर में कांग्रेस उम्मीदवार सुनील केदार को पराजित करने के लिए भाजपा ने ताकत झोकी थी। पिछले चुनाव में जिले में 12 में से 11 सीटें भाजपा ने जीती थी। सावनेर में केदार जीते थे। पूर्व नागपुर में भाजपा के कृष्णा खोपड़े व हिंगणा में भाजपा उम्मीदवार समीर मेघे की स्थिति काफी मजबूत बतायी जा रही है।
प्रमुख उम्मीदवार
दक्षिण-पश्चिम नागपुर- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीसभाजपा, आशीष देशमुख कांग्रेस
उत्तर नागपुर- डॉ. मिलिंद माने भाजपा , नितीन राऊत कांग्रेस , सुरेश साखरे बसपा
पश्चिम नागपुर- सुधाकर देशमुख भाजपा , विकास ठाकरे कांग्रेस
मध्य नागपुर- विकास कुंभारे भाजपा , बंटी शेलके कांग्रेस
पूर्व नागपुर- कृष्णा खोपडे भाजपा , पुरुषोत्तम हजारे कांग्रेस
दक्षिण नागपुर- मोहन मते भाजपा , गिरीश पांडव कांग्रेस, प्रमोद मानमोडे निर्दलीय, किशोर कुमेरिया निर्दलीय,सतीश होले निर्दलीय
जिले में प्रमुख उम्मीदवार
राकांपा नेता अनिल देशमुख काटोल, कांग्रेस विधायक सुनील केदार सावनेर, कांग्रेस नेता सुरेश भोयर कामठी, विधायक समीर मेघे हिंगणा, विधायक सुधीर पारवे उमरेड, विधायक मलिकार्जुन रेड्डी रामटेक, पूर्व विधायक अाशीष देशमुख रामटेक, कांग्रेस नेता उदयसिंह यादव रामटेक,
भाजपा के जिलाध्यक्ष राजीव पोतदार सावनेर, कांग्रेस नेता राजू पारवे उमरेड, पूर्व विधायक विजय घोडमारे हिंगणा।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।