महावितरण के फैसले से उपभोक्ताओं को महंगाई का एक और जोरदार झटका

डिजिटल डेस्क, नागपुर. महावितरण की ओर से ईंधन समायोजन शुल्क (एफएसी) में वृद्धि करने से बिजली उपभोक्ताआें को महंगाई का एक और जोरदार झटका लगा है। ईंधन की कीमतों हुई वृद्धि के कारण एफएसी में वृद्धि करने का कारण सामने किया जा रहा है। महावितरण के इस फैसले को महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग (एमईआरसी) की मंजूरी मिल चुकी है। महावितरण के अनुसार, 100 यूनिट तक खपत के लिए प्रति यूनिट 10 पैसे के स्थान पर 65 पैसे, 300 यूनिट तक खपत के लिए प्रति यूनिट 20 पैसे के स्थान पर 1 रुपए 45 पैसे, 500 यूनिट तक प्रति यूनिट 25 पैसे के स्थान पर 2 रुपए 5 पैसे व 500 से ज्यादा यूनिट खपत होने पर 25 पैसे की जगह अब 2 रुपए 35 पैसे शुल्क वसूला जाएगा।
शीघ्र ही इस पर बोलूंगा : कांग्रेस नेता व पूर्व ऊर्जा मंत्री डा. नितीन राऊत ने कहा कि नई सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका दिया है। इसका खुलासा अभी नहीं करना चाहता। इस पर शीघ्र ही मीडिया के समक्ष आकर बोलूंगा।
महाविकास आघाड़ी सरकार की गलती का परिणाम : भाजपा नेता व पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने आरोप लगाया कि महाविकास आघाड़ी की गलत कार्यप्रणाली के कारण उपभोक्ताआें को महंगी बिजली मिलेगी। जनवरी, फरवरी व मार्च में आघाड़ी सरकार ने सस्ती बिजली नहीं खरीदी। उस दौरान कोयले का स्टॉक नहीं किया। मार्च, अप्रैल, मई व जून में महंगे दाम पर बिजली खरीदी थी। महावितरण ने एमईआरसी से मंजूरी भी ले ली। 4 महीने तक ही यह शुल्क वसूला जाएगा। उपभोक्ताआें के साथ हमारी पूरी संवेदना है। पुरानी सरकार की गलतियों का यह परिणाम है।
( मान लिजिए 171 यूनिट खपत हुई, तो...)
पहले अब
स्थिर आकार 115 रुपए 115 रुपए
बिजली आकार 857 रु. 14 पैसे 857 रु. 14 पैसे
वहन आकार 230 रु. 50 पैसे 230 रु. 50 पैसे
बिजली शुल्क (16%) 196 रु. 35 पैसे 219 रु. 29 पैसे
ईंधन समायोजन आकार 24 रु. 20 पैसे 167 रु. 95 पैसे
कुल 1423 रु. 19 पैसे 1589 रु. 88 पैसे
जेब पर चोट ( अंतर) 166 रुपए 69 पैसे
Created On :   10 July 2022 5:45 PM IST