बीसीसीआई-एसमीए से मांगा जवाब - ऐसे खेल मैदानों से ही आएंगे बड़े सितारे, इसलिए रखा ख्याल

Answer sought from BCCI-SMA - Big stars will come from such playgrounds, so take care
बीसीसीआई-एसमीए से मांगा जवाब - ऐसे खेल मैदानों से ही आएंगे बड़े सितारे, इसलिए रखा ख्याल
हाईकोर्ट बीसीसीआई-एसमीए से मांगा जवाब - ऐसे खेल मैदानों से ही आएंगे बड़े सितारे, इसलिए रखा ख्याल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई), महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) व राज्य सरकार के प्राधिकरण सार्वजनिक मैदानों को बुनायादि सुविधाएं उपलब्ध कराए क्योंकि आपका बड़ा सितारा ऐसे मैदानों से ही आएगा। इसलिए उभरते हुए खिलाडियों को सार्वजनिक मैदानों में शौचालय, पीने का पानी व मेडिकल सहायता जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। 

न्यायमूर्ति एके मेनन व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने कहा राज्य भर में स्थित सार्वजनिक मैदानों में बच्चों से लेकर वयस्क तक  क्रिकेट व दूसरे खेल खेलते हैं। इसमें से ज्यादातर सार्वजनिक मैदान या तो स्थानिय निकाय के नियंत्रण में हैं या फिर क्रिकेट एसोसिएशन के पास हैं। लेकिन इन मैदानों पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव नजर आता है। यह स्थिति तब है जब एमसीए व बीसीसीआई के बीच सार्वजनिक मैदानों में बुनियादि सुविधाएं उपलब्ध कराने के बारें में अनुबंध हुआ है। ताकि क्रिकेट व दूसरे खेलों को प्रोत्साहन मिल सके।

खंडपीठ के सामने पेशे से वकील राहुल तिवारी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही हैं। तिवारी ने खंडपीठ को बताया कि वे क्रिकेट के खिलाड़ी हैं। कई जिला व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में उन्होंने हिस्सा लिया है। लेकिन जब भी कोई सार्वजनिक मैदान खेल के अभ्यास के लिए बुक किया जाता है तो इसके लिए उन्हें शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। लेकिन ज्यादातर सार्वजनिक मैदानों में पीने के स्वच्छ पानी व शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है। वहीं एमसीए व बीसीसीआई के वकील ने कहा कि राज्य के ज्यादातर सार्वजनिक मैदान स्थानिय निकायों के नियंत्रण में हैं। इस पर खंडपीठ ने पूछा कि क्या बीसीसीआई व एमसीए ने सुविधाएं उपलब्ध कराने की अनुमति पाने के लिए स्थानीय निकायों के पास आवेदन किया हैॽ इस याचिका को विरोध स्वरुप न लिया जाए। क्योंकि हो सकता है कि आपको (बीसीसीआई) बड़ा सितारा इन्हीं सार्वजनिक मैदानों से ही मिले। खंडपीठ ने इस बारे में बीएमसी, बीसीसीआई व एमसीए को दो सप्ताह में हलफनामा दायर करने को कहा है। 
 

Created On :   4 July 2022 8:07 PM IST

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