जिला कृषि अधीक्षक की अपील - रबी केे मौसम में गेहूं और अलसी की बुआई करें

Appeal of District Agriculture Superintendent - Sow wheat and linseed in Rabi season
जिला कृषि अधीक्षक की अपील - रबी केे मौसम में गेहूं और अलसी की बुआई करें
भंडारा जिला कृषि अधीक्षक की अपील - रबी केे मौसम में गेहूं और अलसी की बुआई करें

डिजिटल डेस्क, भंडारा। चना, गेंहू, कुसुम व अलसी इन फसलों की रबी मौसम में बड़े पैमाने पर बुआई की जाती है। जिससे इन फसलों के रोग नियंत्रण तथा उत्पादन बढ़ाने के लिए बीज प्रक्रिया का अनन्य साधारण महत्व है। जिसके अंतर्गत रबी मौसम में 1 नवंबर से 15 नवंबर 2021 तक की समयावधि में बीज प्रक्रिया मुहिम का सभी ओर नियोजन किया जा रहा है। इसलिए किसानों से बीज प्रक्रिया करने के बाद ही फसलों की बुआई करने का आह्वान जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी ने किया है। चना फसल की बुआई से पहले बीजों को ट्राइकोडर्मा के 5 ग्राम ऑर्गेनिक से उपचारित करना चाहिए। इसके बाद 250 ग्राम राइजोबियम प्रति 10 किलो बीज को गुड़ के ठंडे घोल में मिलाकर एक घंटे के लिए छाया में सुखाकर बोना चाहिए। बीजों के बेहतर अंकुरित होने और पौधों को रोगों से बचाव के लिए बुआई से पहले 2 ग्राम थायरम और 2 ग्राम बाविस्तिक इस फफूंदनाशक की बीज प्रक्रिया करनी चाहिए। वहीं गेहूं की फसल की बुआई से पहले 2.5 ग्राम / किग्रा थिरम या विटवैक्स पाउडर को 75% पानी में मिलाकर बीज पर डालें, फिर 250 ग्राम एजोटोबैक्टर और फास्फोरस घुलनशील जीवाणु संस्कृति प्रति 10 किलो बीज में डालें। जिससे उत्पादन में 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि होती है। तथा कुसुम व जवस इन तिलहन फसलों की बुआई से पहले एजोटोबैक्टर प्लस पीएसबी बैक्टीरियल कल्चर (200 ग्राम प्रति 10 किलो बीज) का उपचार करना चाहिए। और फसलों पर लगने वाले रोगों को नियंत्रित करने के लिए ट्राइकोडर्मा जैविक कवकनाशक की 4 ग्राम प्रति किलो की दर से बीज उपचार या खाद के साथ मिट्टी में मिलाना चाहिए। कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम या थायरम 3 ग्राम प्रति किलो बीज अलसी फसल की बुआई से पहले डालना चाहिए। रबी मौसम 2021-22 के दौरान चना, गेहूं, कुसुम और अलसी फसलों की रासायनिक और जैविक बुआई का सख्ती से पालन करें। बीजोपचार कृषि विभाग द्वारा दिए गए बीजों से ही किया जाना चाहिए तथा बीज उपचार के लिए रासायनिक फफूंदनाशकों का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसलिए जिले के सभी किसान बीज उपचार के बाद ही बुआई करें ताकि सड़न, जड़ सड़न और अन्य बीमारियों से बचाव और फसल की अच्छी वृद्धि हो सके। जिसके लिए कृषि सहायक, कृषि पर्यवेक्षक, मंडल कृषि अधिकारी व तहसील कृषि अधिकारी से संपर्क करने का आह्वान जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी अरूण बलसाने ने किया है।

Created On :   11 Nov 2021 1:33 PM GMT

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