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सेकेंड वेव मुहाने पर - अगले 10 दिनों में पता चलेगा कि अब संक्रमण से और कितना खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार बाहर से आए लोगों से संक्रमण फैलने की ज्यादा आशंका
डिजिटल डेस्क जबलपुर । सितंबर महीने में कोरोना का पीक बीतने के बाद अब उसकी दूसरी लहर मुहाने पर है। इसके लिए अगले 10 से 12 दिन सबसे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जिस तरह दिल्ली व अन्य शहरों में नए संक्रमित मिलने का सिलसिला बढ़ा है, कमोबेश यही स्थिति यहाँ भी बन सकती है। दूसरे शहरों विशेषकर दिल्ली-मुंबई में कार्यरत यहाँ के नागरिक परिवार के साथ त्यौहार मनाने आए, वहीं बहुत से लोग दूसरे शहर भी गए। अब अगले 10 दिनों में इनसे संक्रमण फैला या नहीं इसका पता चलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि दूसरी लहर को लेकर जिस तरह की बातें की जा रही हैं, काफी संभावना है कि वह स्थिति नहीं बनेगी। एक समय था जब मेडिकल में कोविड मरीजों के लिए एक-एक पलंग के लिए मारामारी थी, वहीं आज यहाँ 45 के करीब ही कोरोना मरीज इलाजरत हैं।
बीमार होंगे तो इलाज जरूरी
मेडिकल कालेज के कोविड प्रभारी डॉ. संजय भारती का मानना है कि वर्तमान में यहाँ स्थिति अंडर कंट्रोल जैसी है, दीपावली में जिस तरह लोगों ने इसके प्रति बेफिक्री दिखाई है उसका असर अधिकतम 10 दिन में सामने आ जाएगा। कोरोना संक्रमित बिना चिकित्सकीय सलाह के अधिकतम 5 से 7 दिन तक ही रह सकता है, संक्रमण के असर पर तकलीफ बढ़ेगी उस स्थिति में इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाना ही होगा। बाहर से आए और दूसरे शहर से होकर आए लोगों ने अगर दूसरों को संक्रमित किया है तो इसकी जानकारी परिवार या करीबी के बीमार होने से पता चल जाएगी।
निमोनिया तो हर बार बढ़ता है
वर्तमान स्थिति में साधारण निमोनिया के मरीज को भी कोविड सस्पेक्ट माना जा रहा है, इसकी प्रारंभिक जाँच चेस्ट एक्सरे से हो जाती है। डॉ. भारती ने बताया कि निमोनिया में फेफड़ों में संक्रमण होता है। इसके बैक्टीरियल होने पर एंटीबॉयोटिक दवाएँ कारगर हैं, लेकिन वायरल निमोनिया का इलाज मुश्किल है। वर्तमान में ठंड बढऩे से इसके मरीज बढ़ेंगे, शुरूआत होते ही चिकित्सकीय सलाह से इलाज जरूरी है। इस समय में यदि कोरोना संक्रमण भी तेज हुआ तो परेशानी बढ़ सकती है।
कोविड मरीजों की अलग ओपीडी
मेडिकल में कोविड से संक्रमित हो चुके मरीजों के लिए अलग से ओपीडी दो दिन में शुरू की जाएगी। यहाँ सिर्फ पोस्ट-कोविड मरीजों को इलाज के साथ ही काउंसलिंग के साथ ही मनोचिकित्सक से परामर्श मिलेगा। 60 से अधिक उम्र के कई मरीजों को संक्रमण मुक्त होने के बाद भी परेशानियाँ हो रही हैं। इसमें कमजोरी, पेट संबंधी समस्या के साथ ही व्यवहार व स्मरण शक्ति में भी बदलाव देखा जा रहा है। डॉ. भारती के अनुसार पोस्ट-कोविड पेशेंट ओपीडी में मरीजों का सारा रिकॉर्ड रखा जाएगा।
Created On :   18 Nov 2020 9:34 AM GMT