भाजपा के चिन्ह पर चुनाव लड़ने को तैयार हो सकते हैं आठवले, आम्बेडकर इसी सप्ताह लेंगे कांग्रेस से गठबंधन पर फैसला

Athawale may be ready to contest elections on BJP symbol, Ambedkar will take decision soon
भाजपा के चिन्ह पर चुनाव लड़ने को तैयार हो सकते हैं आठवले, आम्बेडकर इसी सप्ताह लेंगे कांग्रेस से गठबंधन पर फैसला
भाजपा के चिन्ह पर चुनाव लड़ने को तैयार हो सकते हैं आठवले, आम्बेडकर इसी सप्ताह लेंगे कांग्रेस से गठबंधन पर फैसला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्रीय राज्यमंत्री व आरपीआई अध्यक्ष रामदास आठवले अपने पार्टी उम्मीदवारों को भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल पर चुनाव लड़ाने के लिए तैयार हैं। सूत्रों के अनुसार फिलहाल वे इस पर विचार कर रहे हैं। आगामी 5 सितंबर को वर्ली में आयोजित आरपीआई के सम्मेलन में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद रहेंगे। इस सम्मेलन के लिए शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी आमंत्रित किया गया है। विधानसभा चुनाव के लिए आरपीआई ने 10 सीटो की मांग की है। भाजपा अपने छोटे मित्र दलों के लिए 18 सीट छोड़ने वाली है। आठवले इसमे से 10 सीट चाहते हैं। हालांकि बीते विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने आरपीआई के लिए सीट दी थी लेकिन वे एक भी सीट नहीं जीत सके थे।

 

आठवले ने कहा- सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने की कोशिश करेंगेकेजरीवाल को बताया सपने दिखाने वाला सीएम 

रामदास आठवले ने कहा है कि दिल्ली के सिख दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने की वह पूरी कोशिश करेंगे। उन्होने यह भी दावा किया कि दिल्ली में अगले वर्ष के शुरू में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सत्ता से बाहर जाना पड़ेगा। आठवले ने यह बात पश्चिमी दिल्ली के तिलकनगर में पार्टी कार्यालय का उद्घाटन करते हुए कही। अरविंद केजरीवाल को सपने दिखाने वाला मुख्यमंत्री बताते हुए उन्होने कहा कि पिछले पांच साल में उन्होने जनता को सिर्फ सपने ही दिखाए हैं। इसलिए इस बार केजरीवाल का सत्ता से जाना तय है और दिल्ली मंे राजग की सरकार बनेगी। उन्होने कहा कि निर्दोष सिख समाज के पीड़ित परिवारों के साथ मैं हमेशा खड़ा हूं। कांग्रेस की सरकारों के दौरान सिखों के साथ बड़ा अन्याय हुआ है। केन्द्रीय मंत्री ने आश्वस्त् किया कि सिख पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए वह हर स्तर पर प्रयास करेंगे। 
 

एक सप्ताह में होगा कांग्रेस से गठबंधन पर फैसला - आम्बेडकर
उधर वंचित बहुजन आघाडी आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन को लेकर एक सप्ताह में भूमिका स्पष्ट कर देगी। बुधवार वंचित बहुजन आघाडी के मुखिया प्रकाश आंबेडकर ने यह जानकारी दी। दादर स्थित आंबेडकर भवन में पत्रकारों से बातचीत में आंबेडकर ने कहा कि सप्ताह भर में कांग्रेस से गठबंधन और चुनावी रणनीति की घोषणा कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि कांग्रेस के साथ गठबंधन हो। इसके लिए हमने 144 सीटों का प्रस्ताव कांग्रेस को दिया था। यह प्रस्ताव कायम है। आंबेडकर ने कहा कि गठबंधन को लेकर पार्टी की भूमिका स्पष्ट किए जाने के बाद कांग्रेस के लिए दरवाजे बंद हो जाएंगे। आंबेडकर ने कहा कि हम कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहते हैं पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं कर सकते हैं। क्योंकि कांग्रेस के नेता ही कहते हैं कि राष्ट्रवादी कांग्रेस के लोग कांग्रेस को वोट नहीं देते हैं। जब कांग्रेस को राकांपा का वोट ट्रांसफर नहीं हो पाता और राष्ट्रवादी कांग्रेस से भाजपा-शिवसेना को मदद मिलती है तो उनके साथ गठबंधन करने का क्या फायदा है। 

 

एमआईएम से गठबंधन मुश्किल

आंबेडकर कांग्रेस से गठबंधन के लिए भले ही कोशिश कर रहे हैं लेकिन लोकसभा चुनाव में वंचित बहुजन आघाडी की सहयोगी रही एमआईएम से गठबंधन को लेकर अब मुश्किल आ रही है। वंचित बहुजन आघाडी और एमआईएम के बीच सीटों को लेकर पेंच फंस गया है। इस पर आंबेडकर ने कहा कि एमआईएम से सीटों को लेकर एक दौर की चर्चा हुई है। कांग्रेस से गठबंधन को लेकर अंतिम फैसला होने के बाद एमआईएम के साथ समझौता किया जाएगा। गठबंधन को लेकर एमआईएम के नेताओं की बयानबाजी पर आंबेडकर ने कहा कि मैं सीधे पार्टी के अध्यक्ष  असदुद्दीन ओवैसी से चर्चा कर रहा हूं। इसलिए पार्टी के राज्य स्तर के नेता क्या कहते हैं यह मेरे लिए मायने नहीं रखता। दूसरी ओर एमआईएम के सांसद व प्रदेश अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने कहा कि हमने वंचित बहुजन आघाडी से 74 सीटों की मांग की थी। जिसके बाद आंबेडकर ने कहा कि मैं सीटों को लेकर ओवैसी से बात करूंगा। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच एक बैठक हुई थी। लेकिन उस बैठक में क्या तय हुआ है यह अब तक मुझे पता नहीं चल सका है। 

 

नागपुर में 8 सितंबर को महारैली 

आंबेडकर ने बताया कि वंचित बहुजन आघाडी की 8 सितंबर को नागपुर में संविधान चौक में महारैली होगी। इसी दिन नागपुर के हिंगणा, सेलू, वर्धा, देवली, रालेगांव, यवतमाल में भी रैली होगी। 9 सितंबर को अमरावती और अकोला, 10 सितंबर को बुलढाणा और वाशिम, 11 सितंबर को हिंगोली और नांदेड़, 13 सितंबर को परभणी और जालना, 14 सितंबर को औरंगाबाद और बीड़, 15 सितंबर को लातूर और उस्मानाबाद, 16 सितंबर को सोलापुर और पुणे और 17 सितंबर को सातारा और कोल्हापुर में रैली का आयोजन होगा।

 

Created On :   4 Sep 2019 2:39 PM GMT

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