मेडिकल यूनिवर्सिटी के विखंडन की कोशिश, भोपाल में एक्सटेंशन -ऑफिस के लिए कार्यपरिषद की बैठक में पुष्टि

Attempts for fragmentation of medical university, extension in Bhopal
मेडिकल यूनिवर्सिटी के विखंडन की कोशिश, भोपाल में एक्सटेंशन -ऑफिस के लिए कार्यपरिषद की बैठक में पुष्टि
मेडिकल यूनिवर्सिटी के विखंडन की कोशिश, भोपाल में एक्सटेंशन -ऑफिस के लिए कार्यपरिषद की बैठक में पुष्टि

डिजिटल डेस्क  जबलपुर । जनवरी महीने में नए वीसी के आते ही मेडिकल यूनिवर्सिटी के विखंडन की जो तैयारी की गई वह उस समय के विरोध के बाद भी बंद नहीं की गई। अब यूनिवर्सिटी के एक्सटेंशन ऑफिस की स्वीकृति कार्यपरिषद से कराकर भोपाल में इसे स्थापित करने की योजना पर काम किया जा रहा है। जनवरी में जब नए कुलपति के तौर पर भोपाल से डॉ. टीएन दुबे आए थे तो उन्होंने भोपाल क्षेत्र के छात्रों के हित की बात करते हुए वहाँ यूनिवर्सिटी का एक्सटेंशन ऑफिस खोलने की बात उठाई थी, जहाँ वे सप्ताह में कुछ दिन रुक सकें तथा यूनिवर्सिटी के कामकाज के साथ ही छात्रों की समस्याएँ हल कर सकें। यह ऑफिस यूनिवर्सिटी के विखंडन की तस्वीर बयाँ करता है जिसके विरोध में सभी जनप्रतिनिधियों, शहरवासियों ने इसका विरोध किया था। उस समय इस मामले में शांति हो गई, इसी बीच कोरोना के कारण लॉकडाउन में दो महीने काम नहीं हुआ। अब जब यूनिवर्सिटी में कामकाज शुरू हुआ तो 11 जून को हुई कार्यपरिषद की बैठक में पहले बिंदु पर ही एक्सटेंशन ऑफिस भोपाल में खोलने का विषय आया।
यह है मामला
दरअसल 19 फरवरी को हुई कार्यपरिषद की बैठक में ही यह मामला शामिल हुआ था, जिसमें भोपाल के शासकीय आयुर्वेद कॉलेज में एक्सटेंशन ऑफिस खोलने का मामला कुलपति द्वारा प्रस्तावित किया गया। 11 जून को हुई बैठक में कुलपति द्वारा संशोधित प्रस्ताव रखा गया कि यह एक्सटेंशन ऑफिस भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में बने यूनिवर्सिटी के रीजनल सेंटर में बनाया जाए। कुछ सदस्यों ने इस मामले में पहले हुए विरोध तथा विधानसभा में उठाए गए प्रश्नों की जानकारी देते हुए इसे विलोपित करने का सुझाव दिया। बताया गया कि कुलपति के कहने पर सदस्यों ने इस बिंदु की पुष्टि कर दी।
जरूरत क्या है
आखिर भोपाल में यूनिवर्सिटी का एक्सटेंशन ऑफिस खोलने की जरूरत क्या है, इस प्रश्न का उत्तर ऐसा चाहने वाले भी नहीं दे पा रहे हैं। छात्रों की समस्याओं को हल करने के लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और रीवा में पहले से ही यूनिवर्सिटी के रीजनल सेंटर हैं, जहाँ के कर्मचारी सीधे मुख्यालय के संपर्क में हैं। अब राजधानी में एक्सटेंशन ऑफिस बनाने का मकसद क्या है, यूनिवर्सिटी को इसकी रूपरेखा भी बतानी होगी कि वहाँ िकस स्तर के अधिकारी बैठेंगे और काम क्या होगा। यदि वीसी ही वहाँ बैठेंगे तो मुखिया के अभाव में यहाँ यूनिवर्सिटी के क्या मायने रहेंगे, धीरे-धीरे सारा कामकाज भी वहीं जा सकता है।

 

Created On :   19 Jun 2020 8:50 AM GMT

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