अधिकारियों के नाम जमानती वारंट जारी, नोटिस के बावजूद नहीं दे रहे जवाब, कोर्ट में हाजिर होना होगा
भास्कर प्रतिनिधि | नागपुर. बाॅम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के औरंगाबाद विभाग के अधीक्षक अभियंता और नांदेड़ के कार्यकारी अभियंता के खिलाफ 50 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया है। एक किसान की जमीन अधिग्रहण के मामले में हाईकोर्ट के नोटिस के बावजूद अधिकारियों की ओर से जवाब न मिलने के कारण न्या.रोहित देव और न्या.वाय.जी.खोब्रागडे की खंडपीठ ने यह नोटिस निकाला है। 6 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है। मामले में केंद्र सरकार की ओर से एड.नीरजा चौबे कामकाज देख रहीं हैं।
याचिकाकर्ता दत्ताराव माने ने हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता के अनुसार, वर्ष 2017 में हिमालय नगर से फुलसावंगी तक महामार्ग बनाने की अधिसूचना केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई थी। प्रस्तावित याेजना में यह मार्ग उनके खेत से नहीं गुजरने वाला था, लेकिन जब मार्ग का कार्य शुरू हुआ, तो उनके खेत से मार्ग की मार्किंग की गई। स्थानीय एसडीओ ने भी उनकी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी। इसमें याचिकाकर्ता के विरोध का भी ध्यान नहीं रखा गया। उन्होंने एनएचएआई को कानूनी नोटिस भेज कर अपनी बात रखनी चाही, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। ऐसे में उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली। इस मामले में सबसे पहले हाईकोर्ट ने 23 जून 2022 को एनएचएआई को नोटिस जारी किया, लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद हाईकोर्ट ने 7 जनवरी को अधिकारियों को एक और मौका देते हुए जवाब देने का आदेश दिया। फिर भी कोई उत्तर नहीं आया, तो अब कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। अगली सुनवाई में उन्हें व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होना होगा।
Created On :   30 Jan 2023 7:08 PM IST