वकीलों के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों में सावधानी बरते बार काउंसिल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया व राज्य बार काउंसिल वकीलों के खिलाफ की जानेवाली शिकायतों के निपटारे के दौरान सावाधानी बरतें। न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने कहा कि बार काउंसिल पहले वकीलों के खिलाफ की जानेवाली शिकायत की प्रमाणिकता को परखे फिर इसकी पड़ताल करें कि वकील पर किसने आरोप लगाए हैं। खंडपीठ ने कहा कि वैसे आजकल एक पक्षकार द्वारा अपने विरोधी वकील के खिलाफ शिकायत करने का चलन जैसा चल रहा है। यह बेहद चिंताजनक है। इसलिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया व बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा पहले वकील के खिलाफ आनेवाली शिकायत की प्रमाणिकता को परखे। क्योंकि इस तरह की शिकायते वकीलों को मानसिक आघात पहुंचाती हैं। कई बार वकील शिकायतों के चलते अवसाद में भी चले जाते हैं।इसलिए शिकायत के प्रभाव का मूल्यांकन किया जाना जरुरी है। वकीलों ने भी बार काउसिंल से इस विषय पर आग्रह किया था।
खंडपीठ ने एक वकील जेन कॉक्स की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई के बाद उपरोक्त बात कही। अधिवक्ता कॉक्स के खिलाफ बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा में साल 2005 में शिकायत की गई थी। जब राज्य बार कांउसिल ने इस मामले में कुछ नहीं किया तो "बार कांउसिल ऑफ इंडिया' के पास शिकायत भेजी गई। अब फिर से यह मामला राज्य बार काउंसिल के भेजा गया है। वैसे मामले को लेकर याचिकाकर्ता के खिलाफ जारी कार्यवाही पर हाईकोर्ट ने पहले ही रोक लगा दी है। अब मामले से जुड़े शिकायतकर्ता की मौत हो चुकी है। इस पर खंडपीठ ने राज्य बार काउंसिल से पूछा कि अब राज्य बारकाउंसिल इस मामले में क्या करेगा। खंडपीठ ने अब इस याचिका पर सुनवाई अगले मंगलवार को रखी है।
Created On :   21 Feb 2023 8:24 PM IST