बावनकुले ने उद्धव ठाकरे को बताया स्वार्थी नेता, आंबेडकर के साथ गठबंधन पर निशाना
डिजिटल डेस्क, वर्धा. शिवसेना के उद्धव ठाकरे राजनीति में बेहद ही निचले स्तर पर चले गए हैं। प्रकाश आंबेडकर ने जिस हिंदुत्व का प्रखर विरोध किया था, उनके साथ उन्हें युति करनी पड़ रही है। आगामी कुछ दिनों में वे एमआईएम के ओवैसी के साथ युति करेंगे। आज शिवसेना (ठाकरे गुट) व वंचित बहुजन आघाड़ी की युति की घोषणा हुई हैं। उनकी इस घटिया राजनीति के कारण बचे हुए शिवसैनिक भी उनका साथ छोड़ देंगे। यह आरोप भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावणकुले ने लगाए। र्धा में सोमवार को पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करने आए बावनकुले पत्रकारों से वार्तालाप कर रहे थे।
बावनकुले ने कहा कि सत्ता से बेदखल होने के बाद शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का हाल विनाश काले विपरीत बुद्धि जैसा हो गया है। ढाई वर्ष पहले उन्होंने प्रखर हिंदुत्व का साथ छोड़ दिया। कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस से युति की। स्वतंत्रवीर सावरकर का अपमान करनेवाली कांग्रेस पार्टी की विचारधारा मान्य की। डॉ. प्रकाश आंबेडकर की प्रखर हिंदूविरोधी भूमिका उन्होंने मान्य की है। हम मजबूत हैं। कितने भी दल एकजुट हो जाएं तो भी आगामी समय में होनेवाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रयास से हम जीत दर्ज कराएंगे।
बावणकुले ने कहा कि, किससे क्या अपेक्षा रखना, यह उनकी पार्टी का काम हैं। लेकिन आज हिंदू ह्दय सम्राट बालासाहब ठाकरे का जन्म दिवस है। आज उन्हें बेहद दुख हो रहा होगा। उद्धव ठाकरे ने ऐसा कदम उठाकर बालासाहब ठाकरे के विचारों का विरोध किया है। प्रकाश आंबेडकर हिंदुत्व विरोधी हैं। इसके बावजूद उद्धव ठाकरे ने उनके साथ युति की है। उनमें कुर्सी का लालसा निर्माण हो गई है। इसके लिए वे अपने विचारों के साथ समझौता कर रहे हैं। जिस विचारधारा पर शिवसेना की स्थापना की गई, उसे ही उद्धव ठाकरे ने नजरअंदाज किया। एक स्वार्थी राजनेता के रूप में उन्हें इतिहास में गिना जाएगा।
कांग्रेस डूबता जहाज : कांग्रेस पार्टी की हाथ जोड़ो यात्रा के संदर्भ में बावणकुले ने कहा कि, 148 वर्ष पुरानी कांग्रेस अब छेद हुआ डूबता जहाज बन गई है। कांग्रेस पार्टी में कोई नहीं जाना चाहता। इसी के साथ बचे कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दल में जा रहे हैं।
Created On :   24 Jan 2023 5:25 PM IST