भंडारकर ने कहा - समाज के ज्वलंत मुद्दों पर फिल्में बननी चाहिए, वर्षा ने भी बांटे अनुभव

Bhandarkar said - films should be made on burning issues of society
भंडारकर ने कहा - समाज के ज्वलंत मुद्दों पर फिल्में बननी चाहिए, वर्षा ने भी बांटे अनुभव
भंडारकर ने कहा - समाज के ज्वलंत मुद्दों पर फिल्में बननी चाहिए, वर्षा ने भी बांटे अनुभव

डिजिटल डेस्क, नागपुर। फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर ने कहा कि समाज के ज्वलंत मुद्दों पर फिल्में बननी चाहिए। आज भी ऐसी ऑडियंस है, जो खुश रहने के लिए फिल्में देखती है। कुछ फिल्में बहुत कम बजट में तैयार होती हैं। फेस्टिवल के माध्यम से ऐसी फिल्मों का परिचय जनता से होता है। डॉ. जब्बार पटेल ने डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम द्वारा शुरू किए गए ऑरेंज सिटी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का अभिनंदन किया। भंडारकर ने कहा डॉ. जब्बार पटेल निर्देशित फिल्मों से मैंने बहुत पैसा कमाया। उनकी फिल्मों को देखने के लिए दर्शक बहुत उत्साहित रहते थे। उनकी फिल्म जैत रे जैत, सिंहासन, सामना" ओर उंबरठा इन चार फिल्मों की सीडी हमेशा साथ रखता था। "सिंहासन" फिल्म की प्रसिद्धि के पीछे राजनीतिक स्थिति थी। वर्तमान राजनीतिक स्थिति को डॉ. जब्बार पटेल की सिंहासन" में दिखाया गया है। यह बात निर्देशक मधुर भंडारकर ने कही। महानगरपालिका और ऑरेंज सिटी कल्चरल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में ऑरेंज सिटी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का शुभारंभ वनामति में किया गया। इस अवसर पर श्री भंडारकर बोल रहे थे। फिल्म फेस्टिवल का आयोजन 6 से 9 फरवरी तक किया गया है। कार्यक्रम में एनिमेशन गुरु आशीष कुलकर्णी, निर्देशक डॉ. जब्बार पटेल, महापौर संदीप जोशी, विरोधी पक्ष नेता तानाजी वनवे, फाउंडेशन के सचिव डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम, समर नखाते, विशाल शिंदे, सुक्रांत सेन, लेखक गणेश देसाई, मिलिंद उके, अदिति अक्कलकोटकर, हेडी एमरी, ईश्वरी येंडे व जिलाधिकारी रविन्द्र ठाकरे उपस्थित थे। इस अवसर पर भारतीय सिनेमा जगत में अमूल्य योगदान के लिए मधुर भंडारकर को ऑरेंज सिटी इंटरनेशनल फिल्म महोत्सव पुरस्कार तथा एनिमेशन गुरु आशीष कुलकर्णी को ऑरेंज सिटी कल्चरल फाउंडेशन फिल्म महोत्सव पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

महापौर संदीप जोशी ने कहा कि ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भूख शहरवासियों को होती है। इसलिए इस तरह के आयोजन हमेशा होने चाहिए। एनिमेशन गुरु आशी कुलकर्णी ने कहा कि मैं छोटे से बड़ा धरमपेठ में हुआ। फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन के लिए भी धरमपेठ आया, इस बात की बहुत खुशी है। मुझे अपनी ही भूमि पर पुरस्कृत किया गया, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ. चंद्रशेख मेश्राम ने रखी। संचालन सुधीर भावे तथा आभार प्रदर्शन डॉ. उदय गुप्ते ने किया।

पहली फिल्म का प्रदर्शन

महोत्सव अंतर्गत पहली फिल्म आज शुक्रवार 7 फरवरी को सुबह 9.30 बजे प्रदर्शित की जाएगी। दिग्दर्शक लुईस बुन्येल की "विर्दीयाना" फिल्म दिखाई जाएगी। 9 फरवरी को महोत्सव के समापन पर शाम 7 बजे प्रदीप कुरबाह की मार्केट फिल्म से महोत्सव का समापन होगा। फिल्म महोत्सव में सप्तक, पुणे फिल्म फाउंडेशन, विदर्भ साहित्य संघ और राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ सहप्रायोजक हैं। 

Created On :   6 Feb 2020 10:18 PM IST

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