भीमा कोरेगांव हिंसा मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पुणे पुलिस से मांगे पुख्ता सबूत

Bhima Koregaon violence : Supreme Court demands strong evidence from Pune police
भीमा कोरेगांव हिंसा मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पुणे पुलिस से मांगे पुख्ता सबूत
भीमा कोरेगांव हिंसा मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पुणे पुलिस से मांगे पुख्ता सबूत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। इस पर गुरुवार को भी सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान पुणे पुलिस से सवाल किया कि वह कोई एक दस्तावेज दिखाएं जो इन गिरफ्तार मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के माओवादियों के साथ संबंध दिखाते हों।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सोमवार को इस मसले पर सुनवाई करते हुए इन पांच कार्यकर्ताओं की नजरबंदी की समय सीमा 19 सितंबर तक के लिए बढा दी थी। पीठ ने कहा था कि वह दो दिन बाद इतिहासकार रोमिला थापर और चार अन्य की याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई करेगी।

बता दें कि 28 अगस्त को पुणे पुलिस ने मुंबई, ठाणे, दिल्ली, रांची, फरीदाबाद और हैद्राबाद से मानवाधिकार कार्यकर्ता कवि वरवरा राव, ट्रेड युनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, अरुण फरेरा और वेरनन गोंजालवेज को गिरफ्तार किया था।
 

Created On :   19 Sep 2018 4:11 PM GMT

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