ढाई महीने में 2 लाख 74 हजार शौचालय बनाने की बड़ी चुनौती

Big challenge to build 2 lakh 74000 toilets in 2 and half months
ढाई महीने में 2 लाख 74 हजार शौचालय बनाने की बड़ी चुनौती
ढाई महीने में 2 लाख 74 हजार शौचालय बनाने की बड़ी चुनौती

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अमित कुमार। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में अगले ढाई महीने में 2 लाख 74 हजार 903 शौचालय बनाने की चुनौती राज्य सरकार के सामने है। क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत राज्य सरकार ने 31 मार्च 2018 तक ग्रामीण अंचल को शौच से मुक्त घोषित करने का लक्ष्य रखा है। जबकि राज्य के शहरी इलाकों को 2 अक्टूबर 2017 को ही खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। राज्य की 4177 ग्राम पंचायतों के 6505 गांवों में 2 लाख 74 हजार 903 शौचालय बनाए जाने हैं। राज्य सरकार के जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य की ग्रामीण इलाकों की 129 तहसीलें खुले में शौच से मुक्त घोषित होनी बाकी है। ये तहसीलें अहमदनगर, अकोला, हिंगोली, लातूर, नंदूरबार, परभणी, वाशिम, अमरावती, औरंगाबाद, बीड़, बुलढाणा, धुलिया, गडचिरोली, जलगांव, नांदेड़, नाशिक, उस्मानाबाद, यवतमाल और चंद्रपुर जिले की हैं। इन 19 जिलों को मार्च महीने में खुले में शौच से मुक्त कर दिया जाएगा। बाकी के 11 जिलों को पहले ही खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री बबनराव लोणीकर के मुताबिक केंद्र सरकार ने राज्य के ग्रामीण इलाकों को अक्टूबर 2019 तक खुले में शौच से मुक्त करने को कहा है, लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य को मार्च 2018 तक खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है। हम निश्चित समय पर लक्ष्य को पूरा कर लेंगे।” 

फिलहाल की स्थिति

राज्य की 351 तहसील में से 222 तहसीलें खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दी गई हैं। इसमें 23 हजार 493 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। इसके तहत 34013 गांव आते हैं। राज्य भर में कुल 40518 गांव हैं। राज्य में अब तक 17 लाख 46 हजार 477 शौचालय बनाए जा चुके हैं। फिलहाल 1 करोड़ 8 लाख 45 हजार 976 परिवारों के पास शौचालय उपलब्ध हैं। 

लाभार्थी को मिलते हैं 12 हजार रुपए

केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत राज्य में शौचालय बनाने के लिए लाभार्थी को 12 हजार रुपए दिए जाते हैं। इसके लिए 75 प्रतिशत फीसदी राशि केंद्र और राज्य को 25 प्रतिशत राशि देनी पड़ती थी। लेकिन 28 अक्टूबर 2015 को केंद्र ने नया आदेश जारी कर अपने हिस्से की निधि को घटकर 60 प्रतिशत कर दिया। इससे राज्य को अब बची हुई 40 प्रतिशत राशि देनी पड़ती है। 


खुले में शौच से मुक्त हुए गांव 

  साल            गांव 

2015-16        6053
2016-17        17595 
2017-18        10365
 कुल              34013

                               

Created On :   12 Jan 2018 4:22 PM GMT

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