इस क्रांतिकारी का पंडित नेहरू ने किया था सम्मान, फेमस हुई "लोरी"

birth anniversary of revolutionary Azad Shahu was celebrated
इस क्रांतिकारी का पंडित नेहरू ने किया था सम्मान, फेमस हुई "लोरी"
इस क्रांतिकारी का पंडित नेहरू ने किया था सम्मान, फेमस हुई "लोरी"

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में क्रांतिकारी आजाद शाहू की जयंती मनाई गई। इस खास मौके पर देश के प्रति उनके जज्बे को याद किया गया। क्रांतिकारी आजाद शाहू आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए हिंदुस्तानी लाल सेना में शामिल हुए थे। उन्होंने महज 12 साल की उम्र में लाल सेना का परिधान पहन लिया था। आजाद शाहू ने "आराम हराम है" के नारे की रचना की थी। जो देशभर में मशहूर हुआ था। वरिष्ठ साहित्यकार राजेन्द्र पटोरिया ने बताया कि साल 1952 को मुंबई में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था, तब नागपुर यूनिवर्सिटी से छात्रों के दल ने शाहू जी के गीत "आराम हराम है" को मार्च पास्ट की धुन पर तैयार कर सुनाया था। उस वक्त मंच पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने गीत की काफी सराहना की थी। उसी मंच से नेहरू ने देश को "आराम हराम है" का नारा देश को दिया गया। उस वक्त क्रांतिकारी आजाद शाहू का सम्मान किया गया था। क्रांतिकारी आजाद शाहू के बेटे राकेश शाहू ने बताया कि उनके पिता की एक और रचना खूब मशहूर हुई थी, जो मां अक्सर बच्चों को लोरी के रूप में सुनाया करती थीं, वो रचना थी, "चंदा मामा दूर के पुए पकाए पूरके, आप खाए थाली में मुन्ने को दे प्याली में" 

वरिष्ठ पत्रकार मनोहर अंधारे का सम्मान

"हिंदी सेवा सम्मान-2017" कार्यक्रम के दौरान चार दशकों तक पत्रकारिता के जरिए हिंदी की सेवा कर रहे वरिष्ठ पत्रकार मनोहर अंधारे को सम्मानित किया गया। वरिष्ठ पत्रकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आजाद शाहू की 91वीं जयंती पर माेर भवन में आयोजित समारोह में पत्रकार उमेश चौबे, साहित्यकार राजेंद्र पटोरिया और विधायक अनिल सोले सहित जानी मानी हस्तियां मौजूद थी। इस मौके पर अंधारे को स्मृतिचिन्ह, शाल-श्रीफल और सम्मान पत्र दिया गया

सिद्धांतवाद और निस्वार्थ सेवा की राह

स्मृति मंच और नवनिर्माण बहुउद्देशीय संस्था ने कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष उमेश चौबे ने कहा कि आजाद शाहू ने जीवन भर देश और समाज को सिद्धांतवाद और निस्वार्थ सेवा की राह दिखाई। इस अवसर पर आजाद शाहू के नाम पर मार्ग का नामकरण का प्रस्ताव रखा। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक, शाहू समाज कल्याण सोसायटी के अध्यक्ष उमेश शाहू ने कहा कि आजाद ने अपने लोधीपुरा स्थित निवास को दान करने की इच्छा जताई थी। उन्होंने अपनी पत्नी सहित देहदान किया था। कार्यक्रम में डॉ. विनोद जयस्वाल, जयप्रकाश गुप्ता, रवि गाडगे पाटील, डॉ. शालिकराम चरडे, अलीम खान, मनोज अरोरा, चंदू मोखारे, राजेश कुंभलकर, दिलीप नरवाडिया, हेमंत उपाध्याय, राजेश पुरी, सुंदरलाल शाहू, प्रदीप बांगडे, चंद्रकुमार शाहू मौजूद थे।

 

Created On :   3 Jan 2018 6:39 PM IST

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