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पालघर उपचुनाव में भाजपा को सहानुभूति वोट का आसरा, शिवसेना ने दिया झटका

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में जोर का झटका खा चुकी भाजपा इस महीने के अंत में होने वाले उपचुनाव में सहानुभूति वोट के भरोसे है। पार्टी ने उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में होने जा रहे उपचुनाव में अपने दिवंगत नेताओं की जगह उनके परिवार के सदस्यों को टिकट देकर सीट बरकरार रखने की कोशिश में है तो वहीं महाराष्ट्र की पालघर सीट पर शिवसेना ने उसका खेल खराब कर दिया है। आगामी 28 मई को चार लोकसभा सीटों और 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है।
इसमें उत्तरप्रदेश की कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट भी शामिल है। प्रदेश में उपचुनाव के लिए सपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद के साथ आ जाने के बाद भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई है। विपक्ष की मजबूत गोलबंदी से डरी भाजपा ने इन दोनों सीटों पर सहानुभूति कार्ड खेला है। पार्टी ने कैराना सीट पर दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को मैंदान में उतार दिया है। तो नूरपुर सीट पर दिवंगत विधायक लोकेन्द्र सिंह की पत्नी अवनी सिंह को उम्मीदवार बनाकर सहानुभूति वोट लेने की कोशिश में है।
वनगा परिवार ने थामा शिवसेना का दामन
भाजपा ने यही दांव उत्तराखंड में भी खेला है। उत्तराखंड में थराली विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में पार्टी ने दिवंगत विधायक मगनलाल की पत्नी मुन्नी देवी को सियासी अखाड़े में उतार दिया है। लेकिन भाजपा के इस सहानुभूति कार्ड को महाराष्ट्र में शिवसेना ने तगड़ा झटका दिया है। प्रदेश की पालघर सीट पर भाजपा सांसद चिंतामण वनगा के निधन के बाद उपचुनाव हो रहा है। भाजपा वनगा परिवार के किसी सदस्य को यहां से उम्मीदवार बनाना चाहती थी। परंतु उम्मीदवारी की घोषणा होने से ऐन पहले पूर्व सांसद वनगा के बेटे श्रीनिवास वनगा ने शिवसेना का दामन थाम लिया। आखिरकार भाजपा को कांग्रेस से आए राजेन्द्र गाविट पर अपना दांव लगाना पड़ा।
Created On :   9 May 2018 8:26 PM IST