अब भाजपा करेगी बूथ स्तर पर पदाधिकारियों की छंटाई, मंगाई गई ग्राउंड रिपोर्ट

BJP will now sort out workers on booth level, will make ground report
अब भाजपा करेगी बूथ स्तर पर पदाधिकारियों की छंटाई, मंगाई गई ग्राउंड रिपोर्ट
अब भाजपा करेगी बूथ स्तर पर पदाधिकारियों की छंटाई, मंगाई गई ग्राउंड रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकसभा चुनाव में जीत की बढ़त कम होने को लेकर शहर भाजपा चिंतन कर रही है। चुनाव परिणाम को खतरे के संकेत के तौर पर आंक रही है। विधानसभा चुनाव में किसी तरह का नुकसान न हो इसलिए अभी से संगठनात्मक समीक्षा पर जोर दिया जा रहा है। बूथ स्तर पर संगठन कार्य की जिम्मेदारी संभालनेवालों का मूल्यांकन किया जा रहा है। लिहाजा बूथ व मंडल स्तर पर कुछ पदाधिकारियों की संगठनात्मक मामले में छंटाई तय है। शहर में संगठनात्मक मामले में 6 मंडल हैं। सभी मंडल के अध्यक्षों पर महामंत्रियों को ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।

रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि बूथ स्तर पर किस पदाधिकारी का बहाल किया जाए या किसे बाहर किया जाए। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार नितीन गडकरी 2.16 लाख मतों के अंतर से जीते हैं। 2014 के चुनाव में उनकी जीत का अंतर 2.87 लाख था। तुलनात्मक तौर पर इस परिणाम को भाजपा ठीक नहीं मानती है। 2014 में गडकरी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े थे। तब मत विभाजन की संभावना अधिक थी। कांग्रेस उम्मीदवार विलास मुत्तेमवार लगातार 4 बार लोकसभा चुनाव जीते थे। उस चुनाव के बाद गडकरी की लोकप्रियता व जनाधार में बढ़त हुई।

भाजपा के अनुसार 5 साल में नागपुर में गडकरी के प्रयासों से 70 हजार करोड का विकास कार्य हुआ। इसके अलावा भी कई योजनाएं यहां आयी। इस बार कांग्रेस उम्मीदवार नाना पटोले थे। भंडारा के लोकसभा सदस्य रहे पटोले को चुनाव के दौरान बाहरी नेता ठहराया जाता रहा। पटोले के लिए कांग्रेस में संगठनात्मक तालमेल की भी चुनौती थी। तमाम स्थितियों के बाद भी भाजपा की  जीत की बढ़त कम होने को लेकर सभी आश्चर्य कर रहे हैं। दो दिन पहले भाजपा के धंतोली स्थिति विदर्भ विभागीय कार्यालय में संगठन मंत्री डॉ.उपेंद्र कोठेकर की उपस्थिति में बैठक हुई। बैठक में प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।

भाजपा के शहर अध्यक्ष सुधाकर काेहले, विधायक सुधाकर देशमुख, विधायक कृष्णा खोपडे, विधायक मिलिंद माने, विधायक विकास कुंभारे, विधानपरिषद सदस्य गिरीश व्यास, विधानपरिषद सदस्य अनिल सोले, महापौर नंदा जिचकार, पूर्व महापौर प्रवीण दटके व अन्य प्रमुख पदाधिकारियों की चिंतन बैठक में निर्णय लेकर संगठन संरचना के तहत सभी विस्तारक, शक्ति प्रमुख, बूथ प्रमुख की नियुक्तियों रद्द कर दी गई। इन पदों के लिए नई नियुक्तियों करने का निर्णय लिया गया। खासकर उत्तर , मध्य व पश्चिम नागपुर के कुछ बूथ चिन्हित किए गए हैं। इन बूथों पर भाजपा के पिछड़ने के कारण के अलावा संगठनात्मक जिम्मेदारी संभाल रहे पदाधिकारियों की भूमिका का भी जायजा लिया जा रहा है। मंडल स्तर से रिपोर्ट आने के बाद बूथ स्तर पर पदाधिकारियों की नियुक्तियां होगी। 

क्या है चिंतन का विषय

लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार नितीन गडकरी के सामने अधिक चुनौतियां नहीं थी। लेकिन विधानसभा चुनाव में विधायक या उम्मीदवार को लेकर मंडल स्तर पर मतभेद हो सकते हैं। आपसी स्पर्धा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। ऐसे में बूथ स्तर पर पदाधिकारी संगठन कार्य न करें तो पार्टी को नुकसान हाे सकता है। नगरसेवकों की क्षेत्र में पकड़ व संगठन कार्य में योगदान की भी समीक्षा की जा रही है। इसके अलावा किसी न किसी कारण से संगठन में किनारे लगे पुराने कार्यकर्ता व पदाधिकारियों को भी संगठन से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। नये जुड़े कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की भूमिका व समर्पण का मूल्यांकन किया जा रहा है।

यह है स्थिति

शहर में 6 विधानसभा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में 21,60,232 मतदाताओं में से 11,82,507 मतदाताओं ने मतदान किया। इनमें उत्तर नागपुर विधानसभा छोड़कर शेष सभी में भाजपा आगे रही। 2065 बूथ में से 1386 बूथ पर भाजपा को 50 प्रतिशत से भी अधिक मत मिले। 176 बूथ पर भाजपा को 20 प्रतिशत से भी कम मत मिले। भाजपा को सबसे अधिक झटका उत्तर नागपुर में ही महसूस हुआ। उत्तर नागपुर में सर्वाधिक 70 बूथ पर भाजपा पिछड़ गई। इनमें 20 प्रतिशत मत भी नहीं पा सकी। मध्य नागपुर में भी 45 बूथ ऐसे रहे जहां भाजपा 20 प्रतिशत मत का आंकड़ा पार नहीं कर पायी। दक्षिण नागपुर के 33 बूथ पर भी ऐसी ही स्थित रही। भाजपा ने शहर में 1507 बूथ पर बढ़त पायी। लेकिन कांग्रेस भी 541 बूथ पर भाजपा को पीछे छोड़ गई। उत्तर के 197, पश्चिम 102, मध्य 69 व दक्षिण के 66 बूथ पर कांग्रेस आगे रही। 
 

Created On :   13 Jun 2019 6:22 PM IST

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