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महापौर चुनाव में दिखा भाजपा के सत्ता से बेदखल होने का असर, लातूर-उल्लहास नगर मनपा में हारा, मनसे के समर्थन से नाशिक में जीत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के नए गठजोड़ का असर शुक्रवार को हुए महापौर चुनावों में भी देखने को मिला। इस गठजोड़ के चलते भाजपा को बहुमत के बावजूद लातूर और उल्हासनगर महानगर पालिका में हार का मुंह देखना पड़ा। उल्हासनगर में टीम ओमी कालानी ने भाजपा की हार में अहम भूमिका निभाई। मुंबई और पास ही स्थित ठाणे में भी शिवसेना महापौर और उप महापौर पदों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही। भाजपा को नाशिक में सफलता मिली जहां वह महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के समर्थन से महापौर और उपमहापौर के पदों पर कब्जा करने में कामयाब रही।
कांग्रेस के विक्रांत गोजामगुंडे लातूर से महापौर बनने में कामयाब रहे हैं। इसे भाजपा के पूर्व मंत्री संभाजी पाटील निलंगेकर के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हार के बाद उन्होंने कहा कि खरीद फरोख्त और अपने लोगों के चलते पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। 70 सदस्यीय लातूर मनपा में भाजपा के 36 और कांग्रेस के 33 नगरसेवक हैं। राकांपा के इकलौते नगरसेवक ने बाद में वंचित बहुजन आधाड़ी का दामन थाम लिया था। भाजपा के एक नगरसेवक की मौत हो चुकी है। वहीं उल्हासनगर मनपा में भी भाजपा को बड़ा झटका लगा है। हत्या के मामले में जेल में बंद पूर्व विधायक पप्पू कालानी के बेटे की पार्टी टीम ओमी कालानी (टीओके) के समर्थन के चलते शिवसेना की लीलाबाई आशान 35 के मुकाबले 43 वोटों से जीत हासिल करने में कामयाब रहीं। बताया जा रहा है कि यहां भाजपा के ही 10 नगरसेवकों ने पाला बदल लिया जिसका खामियाजा भाजपा के उम्मीदवार जीवन इदनानी को भुगतना पड़ा। पूर्व मंत्री और विधायक रविंद्र चव्हाण ने कहा है कि पार्टी के खिलाफ वोट देने वाले नगरसेवकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उल्हासनगर में उपमहापौर का पद भी शिवसेना के सहयोग से आरपीआई के भगवान भालेराव जीतने में कामयाब रहे।
मुंबई में महापौर और उपमहापौर के पदों पर शिवसेना की किशोरी पेडणेकर और सुहास वाडकर की जीत पहले ही तय थी क्योंकि दोनों के खिलाफ और कोई उम्मीदवार नहीं था। ठाणे में शिवसेना के नरेश म्हस्के महापौर और पल्लवी कदम उपमहापौर बनीं हैं। परभणी मनपा में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस की उम्मीदवार अनीता सोनकांबले महापौर और भगवान वाघमारे उपमहापौर चुने गए। नासिक में भाजपा के सतीश कुलकर्णी ने महापौर पद का चुनाव जीता यहां मनसे के पांच नगरसेवकों ने भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान किया। यहां भाजपा की भीकूबाई बागुल निर्विरोध उपमहापौर चुनीं गईं।
पुणे के महापौर पद पर भाजपा के मुरलीधर मोहोल
उधर पुणे की बात करें तो, महापौर पद पर भारतीय जनता पार्टी के मुरलीधर मोहोल और उपमहापौर पद पर सरस्वति शेंडगे चुने गए। चुनाव में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के दो पार्षद तटस्थ रहें। विशेष बात यह है कि शिवसेना ने आघाड़ी के उम्मीदवारों को मतदान किया। भाजपा के मोहोल के विरोध में आघाड़ी की ओर से राकांपा के प्रकाश कदम थे। वहीं उपमहापौर के लिए भाजपा की शेंडगे के विरोध में कांग्रेस की चांदबी नदाफ मैदान में थे। शुक्रवार को अधिकारी कौस्तुभ दिवेगावकर की अध्यक्षता में चुनाव हुआ। शिवसेना के 10 पार्षदों ने कांग्रेस-राकांपा आघाड़ी के उम्मीदवारों को मतदान किया। एमआईएम की एक पार्षद गैरहाजिर रहीं। भाजपा के माेहोल और शेंडगे को 97, आघाड़ी के कदम और नदाफ को 59 मत मिले। उसके बाद चुनाव निर्णय अधिकारी द्वारा मोहोल की महापौर पद पर और शेंडगे की उपमहापौर पद पर नियुक्ति करने की घोषणा की।
उषा ढोरे बनीं पिंपरी चिंचवड़ की महापौर
पिंपरी चिंचवड़ महापौर पद पर भाजपा की उषा उर्फ माई ढोरे बहुमत से जीतीं। उन्होंने राकांपा की स्वाति काटे को हराया। ढोरे को 81 जबकि काटे को 41 मत मिले। चुनाव में मनसे ने तटस्थ भूमिका अपनाई। जबकि शिवसेना ने छह पार्षदों ने राकांपा की काटे को मतदान किया। उपमहापौर पद के लिए भाजपा के तुषार हिंगे निर्विवाद रूप से जीतकर आए। राकांपा के राजू बनसोड़े ने मैं फिर से आऊंगा कहकर ऐन समय में अपना आवेदन पीछे लिया। इसलिए हिंगे निर्विवाद रूप से जीते। दोनों पदों के चुनावों के बाद पीठासीन अधिकारी शंतनू गोयल ने माई ढोरे को महापौर पर जबकि हिंगे को उपमहापौर पद पद नियुक्त करने की घोषणा की।
Created On :   22 Nov 2019 9:50 PM IST