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कालाबाजारी : पहले ही महीने में फेल हुई सरकार की पॉलिसी, गरीबों को नहीं मिल रहा राशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगर की राशन दुकानों से राशन समाप्त हो चुका है। जिसे लेकर शिवसेना ने मोर्चा खोल दिया। साथ ही ठेका पद्धति समाप्त करने की मांग की है। दरअसल महाराष्ट्र सरकार के आपूर्ती विभाग से जो राशन दुकानों तक पहुंचता है, वो सितंबर के मध्य तक नहीं पहुंचा। जबकि हर महीने की 1 से 5 तारीख तक सभी दुकानों में राशन पहुंच जाता है, लेकिन कालाबाजारी रोकने के मकसद से सरकार ने ठेकेदार पद्धति लागू कर दी। ताकि सामग्री सही अनुपात में सीधे तौर से दुकानों तक पहुंचाई जा सके। हालांकि सरकार का ये निर्णय पहले ही महीने फेल होता दिख रहा है। नतीजतन 15 सितंबर तक दुकानों में शक्कर, चावल, गेहूं नहीं पहुंच सका और जहां राशन पहुंचा है, वो नाकाफी है। उपराजधानी में 650 राशन दुकाने हैं। जिनमें 10 से 20 प्रतीशत दुकानों में सिर्फ गेहूं, चावल ही पहुंचाया जा सका।
कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार ने उठाया कदम
इस बार खाद्य सामग्री के लिए गरीबों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। जब्कि राशन दुकान संचालक अपना चालान वक्त पर जमा कर चुकें हैं और हो रही देरी के कारण ठेकेदार पद्धति का विरोध कर रहे हैं। इससे पहले पहले सार्वजनिक वितरण व्यवस्था के माध्यम से दुकानों तक राशन पहुंचता था। लेकिन इस बार नई व्यवस्था लड़खड़ा गई। लोगों के मुताबिक POS मशीनें भी सही ढंग से काम नहीं कर रही, कहीं तो परिवार के पूरे सदस्यों के नाम भी मशीन पर नहीं चढ़ सके। उधर ग्राहक इस उम्मीद में सुबह-शाम कंट्रोल के चक्कर लगा रहे हैं, ताकि देर सवेर ही सही, दो वक्त का राशन मिल जाए।
Created On :   15 Sept 2017 8:45 PM IST