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कंगना से अदालती लड़ाई में 82 लाख रुपए खर्च कर चुकी है बीएमसी, रनौत के खिलाफ जांच का आदेश
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अभिनेत्री कंगना रनौत का बांद्रा स्थित ऑफिस तोड़े जाने से जुड़ी कानूूनी लड़ाई में बीएमसी अब तक 82 लाख 50 हजार रुपए वकीलों की फीस के रुप में खर्च कर चुकी है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली जानकारी से यह खुलासा हुआ है। वहीं कंगना ने मामले में एक बार फिर ट्वीट करते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि पापा के पप्पू ने एक लड़की को परेशान करने के लिए जनता के पैसे खर्च किए। महानगर पालिका ने इसी साल 9 सितंबर को कंगना के बांद्रा के पॉलीहिल इलाके में स्थित ऑफिस के कुछ हिस्सों को अवैध बताकर तोड़ दिया था। कंगना ने कार्रवाई को अवैध बताते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है और हर्जाने की मांग की है। आरटीआई कार्यकर्ता शरद यादव को इस संबंध में मांगी गई सूचना पर बीएमसी की ओर से जो जवाब दिया गया है उसके मुताबिक इस मामले में बीएमसी की पैरवी के लिए आकांक्षा चिनॉय को वकील नियुक्त किया गया है। अब तक वे बीएमसी की ओर से 11 बार कोर्ट में पक्ष रख चुकीं हैं और इसके लिए उन्हें 82 लाख 50 हजार रुपए का भुगतान किया गया है। यादव ने इस पर हैरानी जताते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान जब बीएमसी आर्थिक चुनौती से जूझ रही है। इस तरह के मामलों में इतनी मोटी रकम खर्च करने का क्या तुक है।
कंगना और नीतेश का निशाना
यह जानकारी सामने आने के बाद अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक बार फिर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि महानगर पालिका ने मेरे घर पर अवैध रुप से की गई तोड़फोड़ के लिए अब तक 82 लाख रुपए खर्च किए हैं। एक लड़की को परेशान करने के लिए पापा के पप्पू ने जनता के पैसे खर्च किए। महाराष्ट्र की यह स्थिति हो गई है बेहद दुर्भाग्यपूर्ण। भाजपा नेता नितेश राणे ने भी लिखा कि मुंबईकर पेंगुइन और कंगना के केस में वकीलों को पेमेंट करने के लिए टैक्स भरते हैं। अब क्या बचा है। लगता है इनके बच्चों की शादी भी हमारे पैसों से होगी।
कोर्ट ने कंगना के खिलाफ दिया जांच का आदेश
मुंबई की अंधेरी कोर्ट ने फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत व उनकी बहन रंगोली चंदेल के खिलाफ जांच के आदेश दिए है। कोर्ट में इन दोनों के खिलाफ शिकायत की गई थी और दोनों पर सोशल मीडिया में मुस्लिम समुदाय के लिए नफरत भरी भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था। यह शिकायत पेशे वकील अली कासिफ खान ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 298 व 195ए के तहत की गई थी। शिकायत के मुताबिक पहले चंदेल ने ट्विटर के जरिए मुस्लिम समुदाय के लिए आपत्तिजनक बाते लिखी थी। जिसका रनौत ने समर्थन किया था। इसके बाद भी उन्होंने 18 अप्रैल 2020 को वीडियो डालकर मुस्लिमो (जमातियों) को आतंकी बताया था। इसके साथ ही उनके लिए नफरत भरी भाषा का इस्तेमाल किया था। मैजिस्ट्रेट ने इस शिकायत पर गौर करने के बाद कहा कि इन आरोपों की जांच जरूरी नजर आ रही है। इसलिए पुलिस का जांच का निर्देश दिया जाता है।
Created On :   29 Oct 2020 8:21 PM IST