शरीर सौष्ठव प्रतियोगिता धर्मनिरपेक्ष गतिविधि आचारा संहिता का उल्लंघन नहीं करती

Bodybuilding competition does not violate secular activity code of conduct
शरीर सौष्ठव प्रतियोगिता धर्मनिरपेक्ष गतिविधि आचारा संहिता का उल्लंघन नहीं करती
हाईकोर्ट शरीर सौष्ठव प्रतियोगिता धर्मनिरपेक्ष गतिविधि आचारा संहिता का उल्लंघन नहीं करती

डिजिटल डेस्क, मुंबई, शरीर सौष्ठव प्रतियोगिता धर्मनिरपेक्ष गतिविधि है इससे चुनाव आयोग द्वारा घोषित की गई आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होता है। बांबे हाईकोर्ट ने हाल ही में उद्धव ठाकरे गुट  के सदस्य को शरीर सौष्ठव प्रतियोगिता के आयोजन की अनुमति न देने के आदेश को रद्द करते हुए उपरोक्त बात कही है।  न्यायमूर्ति सुनील सुक्रे व न्यायमूर्ति एमडब्ल्यू चांदवानी की खंडपीठ ने कहा कि शरीर सौष्ठव प्रतियोगिता पूरी तरह से खेल से जुड़ी गतिविधि है। इससे सार्वजनिक रुप से जनभावनाएं उत्तेजित नहीं होती है। लिहाजा यह प्रतियोगिता आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करती है।

खंडपीठ ने पाया कि  कल्याण डोंबीवली महानगर पालिका(मनपा) ने 11 जनवरी 2023 को जब याचिकाकर्ता को प्रतियोगिता के आयोजन की अनुमति दी थी। उस समय आचार संहिता लागू थी। ऐसे में मनपा ने 17 जनवरी 2023 को जब इस अनुमति को वापस लिया तो इसको लेकर कोई न्यायसंगत संगत स्पष्टीकरण नहीं दिया है। खंडपीठ ने कहा कि हमे इस मामले में मनपा की ओर से जारी किया गया आदेश मनमानीपूर्ण व नियमों के विपरीत नजर आता है। इसलिए इसे रद्द किया जाता है। 

खंडपीठ ने साफ किया कि यह प्रतियोगिता सकारत्मकता, सेहत, शक्ति व खेल भावना से जुड़ी है। इस प्रतियोगिता में किसी भी जाति, पंथ, धर्म व संप्रदाय से जुड़ा व्यक्ति हिस्सा ले सकता है। एक तरह से यह धर्मनिरपेक्ष व तटस्थ गतिविधि है। जो समग्र समाज के कल्याण को बढावा देती है। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि यह गतिविधि दो राजनीति दलों के बीच मतभेद को बढाती है। 

खंडपीठ ने उद्धव ठाकरे गुट के सदस्य विजय साल्वी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है। याचिका में कल्याण-डोंबीवली महानगरपालिका के अधिकारी की ओर से शरीर सौष्ठव प्रतियोगिता को लेकर दी गई अनुमति रद्द करने को लेकर जारी आदेश को चुनौती दी गई थी। केडीएमसी क्षेत्र में स्नातक व शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता के चलते मनपा अधिकारी ने प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर पहले दी गई अनुमति को रद्द कर दिया था। जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

सुनवाई के दौरान मनपा के वकील ने दावा किया कि इस प्रतियोगिता के चलते शिवसेना के दो गुट आपस में भिड़ सकते है। इसलिए आचारा संहिता के लागू रहते प्रतियोगिता के आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके साथ ही आचार संहिता भी लागू है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि शरीर सौष्ठव प्रतियोगिता एक खेल से जुड़ी गतिविधी है। यह कोई ऐसा कार्यक्रम नहीं है जिससे जनभावनाएं उत्तेजित हो। इसलिए मनपा की ओर से जारी आदेश को रद्द किया जाता है। 

 

Created On :   3 Feb 2023 5:51 PM IST

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