बेटी की पढ़ाई के लिए हाईकोर्ट ने डॉक्टर के तबादले पर लगाई रोक

Bombay High court bans doctors transfer for daughters education
बेटी की पढ़ाई के लिए हाईकोर्ट ने डॉक्टर के तबादले पर लगाई रोक
बेटी की पढ़ाई के लिए हाईकोर्ट ने डॉक्टर के तबादले पर लगाई रोक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बेटी की पढाई के मद्देनजर पुणे में मुख्य वैधकीय अधिकारी के रुप में कार्यरत डॉक्टर प्रमोद जैसवाल के तबादले पर रोक लगा दी है। यह रोक 14 मार्च 2021 तक के लिए लगाई है। डॉ जैसवाल का तबादला पुणे से नागपुर किया गया था। जिसके खिलाफ जैसवाल ने पहले केंद्रीय प्रशासकीय न्यायाधिकरण (कैट) में आवेदन किया था लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली। कैट ने डाक्टर जैसवाल को अपनी बात सरकार के पास रखने को कहा था। लेकिन सरकार ने डाक्टर जैसवाल के निवेदन पर विचार नहीं किया क्योंकि उनके स्थान पर  किसी दूसरे अधिकारी ने पदभार संभाल लिया था।  लिहाजा जैसवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर  की। 

न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूर्ति सुरेंद्र तावड़े की खंडपीठ के सामने डाक्टर जैसवाल की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल की बेटी कक्षा 11 वीं में पुणे स्थित राजीव गांधी अकादमी में पढाई कर रही है। वह आईआईटी की तैयारी कर रही है। इसके लिए उसने निजी कोचिंग क्लासेस में एडमिशन लिया है। इसके लिए पांच लाख रुपए की फीस में से साढे तीन लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया है। मेरे मुवक्किल घर में अकेले हैं। क्योंकि उनकी पत्नी विदेश में रहती हैं। इस स्थिति में मेरे मुवक्किल के तबादले पर एक साल के लिए रोक लगाई जाए। याचिकाकर्ता के वकील  के इस आग्रह को स्वीकार करते हुए खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के तबबाददले पर 14 मार्च 2021 तक के  लिए तबादले पर रोक लगा दी  और 15 मार्च 2021 को डाक्टर जैसवाल को तबादले  की जगह  पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया। 

Created On :   4 Feb 2020 4:01 PM GMT

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