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अरुण गवली की पैरोल मंजूर,पत्नी के उपचार के लिए जाने की मिली इजाजत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर मध्यवर्ती जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कुख्यात डॉन अरुण गवली को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने पैरोल मंजूर कर दी। डॉन गवली ने पैराेल मांगने के लिए पत्नी की बीमारी का कारण बताया है।
जानकारी के अनुसार डॉन अरुण गवली ने विभागीय आयुक्त के पास 30 दिन की पैरोल के िलए आवेदन किया था। इस पर विभागीय आयुक्त ने जवाब देते हुए कहा कि, उसके पैराेल पर बाहर आने से नियम कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसके बाद गवली ने उच्च न्यायालय में पैराेल के िलए आवेदन किया, जिस पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए पैरोल मंजूर कर दी। इसके पूर्व भी गवली को बेटे के विवाह और बीमारी के चलते पैरोल मंजूर की गई है। पूर्व में पैरोल पर बाहर आने पर भी कानून व्यवस्था नहीं बिगड़ने की वजह से सुनवाई के दौरान पैरोल को मंजूर कर लिया गया। गवली मुंबई के शिवसेना के नगरसेवक कमलाकर जामसांडेकर की हत्या प्रकरण के मामले में जेल में है। मामले में पैरवी एड. मीर नगमान अली और आर.एम. डागा ने की।
हज यात्रा प्रकरण : 2 आरोपी 13 तक न्यायिक हिरासत में
हज यात्रा के नाम पर यात्रियों से धोखाधड़ी प्रकरण में गिरफ्तार कामठी के दो युवकों की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद न्यायालय ने दोनों आरोपियों को 13 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस प्रकरण में सोमवार को गिरफ्तार मुख्य सूत्रधार मालेगांव के तायबा हज एंड उमराह टूर्स एंड ट्रैवल्स कंपनी का एजेंट 29 फरवरी तक पीसीआर पर है। इस मामले में कामठी के पीड़ित हज यात्री नसीम अख्तर वल्द मो. हनीफ (65) की शिकायत पर 19 अप्रैल-2019 को अलहिजाज हज उमराह टूर्स कार्यालय के एजेंट मुजीबुर्रहमान वल्द अब्दुल खालिक तथा नूर मो. अंसारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। नूर मोहम्मद और मुजीबुर्रहमान काे गिरफ्तार गिरफ्तार करने के बाद नूर को न्यायालय ने 25 फरवरी तक तथा दूसरा आरोपी मुजीबुर्रहमान काे 27 तक रिमांड में भेजा था। इन दोनों को गुरुवार को न्यायालय ने 13 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हालांकि, पुलिस ने इनके पीसीआर की मांग की थी, लेकिन न्यायालय ने उसे नामंजूर करते हुए 13 मार्च तक न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया है।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।