- Dainik Bhaskar Hindi
- City
- Bombay high court instructed to Government about policy for pandals
दैनिक भास्कर हिंदी: पंडालों को लेकर सभी महानगरपालिकाओं के लिए समरुप नीति बनाएं, जानिए हाईकोर्ट में कितने मामले लंबित?

डिजिटल डेस्क, मुंबई। त्यौहारों के दौरान बननेवाले पंडालो के निर्माण की अनुमति को लेकर राज्य सरकार समरुप नीति तैयार करे और इसे सभी महानगरपालिकाओं को लागू करने को कहे। गुुरुवार को बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह निर्देश दिया है। इससे पहले हाईकोर्ट को बताया गया कि कोर्ट ने काफी पहले सरकार को निर्देश दिया था कि सार्वजनिक जगहों पर पंडाल के निर्माण को लेकर सभी महानगरपालिकाओं के लिए एक जैसी नीति बनाए लेकिन सरकार ने अब तक इस दिशा में पहल नहीं की है। हर महानगरपालिका की अपनी नीति होने के चलते अवैध पंडालों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। इस बात पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति एमएस शंकलेचा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पंडाल के निर्माण की अनुमति के विषय में समरुप नीति बनाए जिसे सभी महानगरपालिकाओं को लागू करने का निर्देश दिया जाए। सरकार के पास ऐसा निर्देश जारी करने का अधिकार है। इस बीच खंडपीठ ने पाया कि पांच महानगरपालिकाओं ने कोर्ट के आदेश के बावजूद ध्वनि प्रदूषण के मुद्दे को लेकर कार्रवाई के संबंध में हलफनामा नहीं दायर किया है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यदि अगली सुनवाई के दौरान हलफनामा नहीं दायर किया गया तो हम मालेगांव,भिवंडी,उल्हासनगर,मीरा-भायंदर व ठाणे महानगरपालिका के आयुक्त के खिलाफ न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी करने पर विचार करेंगे। इससे पहले खंडपीठ को बताया गया कि राज्य के अलग-अलग शहरों में ‘नीरी’ को नाइज मैपिंग का कार्य को पूरा करने में अभी 12 महीने का और वक्त लगेगा। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यह काफी लंबी अवधि है। आखिर इतना वक्त क्यों लग रहा इसकी हमे अगली सुनवाई के दौरान जानकारी दी जाए। पिछले साल गणपित व सब ए बरात त्यौहार के दौरान मुंबई में हुए ध्वनि प्रदूषण के नियमों के उल्लंघन को लेकर की गई कार्रवाई के विषय में खंडपीठ ने मुंबई पुलिस आयुक्त को हलफनामा दायर करने के लिए एक और अवसर दिया है। सरकारी वकील ने कहा कि हमे ध्वनि प्रदूषण को लेकर 377 शिकायते मिली है। इसमें से हमने 47 मामले दर्ज किए है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से चर्चा कर और शिकायते दर्ज की जाएगी। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 2 मई तक के लिए स्थगित कर दी है।
एसटीडी व पीसीओ बूथ में खाद्य समाग्री बेचने की अनुमति देने पर हो विचार-हाईकोर्ट
वहीं दूसरे मामले में बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि दिव्यांगो को आवंटित किए जानेवाले पीसीओ अथवा एसटीडी बूथ परिसर के इस्तेमाल के संबंध में बदलाव किए जाने की जरुरत है। क्योंकि आज लोगों के बीच मोबाइल की सहज उपलब्धता बढने से सार्वजनिक जगहों में लैंडलाइन टेलिफोन का इस्तेमाल बेहद कम हो गया है। पीसीओ अथवा एसटीडी बूथ दिव्यांग लोगों की जीविका का साधन होते है। इसलिए पीसीओ बूथ परिसर के इस्तेमाल को लेकर जारी किए जानेवाले लाइसेंस में बदलाव किए जाने की जरुरत नजर आ रही है। बूथ परिसर में लोगों को पानी की बोतल,चाकलेट,मीठाई व दूसरी खाद्य समाग्री बेचने की इजाजत दी जाए। क्योंकि यह आम लोगों की जरुरत की चीजे है।
मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांदराजोग व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ ने उल्हास सावंत की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। 60 प्रतिशत दिव्यंाग सावंत के पीसीओ के लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गई थी। जिसे महाराष्ट्र स्टेट रोड टॉंसपोर्ट (एमएसआरटीसी) के अधिकारियों ने बढाने से इंकार कर दिया था। हालांकि उपजिला अधिकारी ने सावंत के बूथ के लाइसेंस की अवधि बढाने का निर्देश दिया था लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा था। इसलिए सावंत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने एमसआरटीसी के विभागीय नियंत्रक(मुंबई) को निर्देश दिया कि वह बूथ के संबंध में सावंत की ओर से दिए गए निवेदन पर आठ सप्ताह के भीतर निर्णय ले।
हाईकोर्ट में 48 हजार से ज्यादा मामले लंबित
इसके अलावा मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में पिछले दस साल के रिकार्ड पर नजर डाले तो 48 हजार 163 मामले लंबित है। यह खुलासा आरटीआई में हुआ है। न्याय में देरी का सीधा असर पीडित पक्ष पर होता है। हालांकि हाईकोर्ट अपनी तरफ से पेंडेंसी कम करने की कोशिश में लगा है। मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के अंतर्गत नागपुर समेत पूरा विदर्भ क्षेत्र आता है। नागपुर बेंच में क्रिमिनल केसेस में एक साल से ज्यादा समय से 2254, पांच साल से ज्यादा समय से 3610 व दस साल से ज्यादा समय से 1301 मामले चल रहे है। इसतरह दस साल में हाईकाेर्ट की नागपुर बेंच में 7165 क्रिमिनल केसेस पेंडिंग है। इसीतरह दिवाणी स्वरूप के एक साल से 10891, पांच साल से 20455 व 10 साल से 9652 मामले चल रहे है। इसतरह दिवाणी (सिविल) स्वरूप के कुल 40998 मामले लंबित है। जिला कोर्ट से फैसला होने के बाद मामले हाईकोर्ट पहुंचते है। जिला व सत्र न्यायालय में इन मामलों के निपटारे में कई साल लग जाते है। यहां से निपटारा होने के बाद हाईकोर्ट में अपील होती है। हाईकोर्ट में मामले के निपटारे में देरी होने का सीधा असर पीड़ित पक्ष पर होता है।
सिविल 40998
क्रिमिनल 7165
कुल 48163
क्राइम रेट बढ़ने के साथ ही कार्यक्षेत्र भी बड़ा है
क्राइम रेट बढ़ रहा है। इसके अलावा कार्यक्षेत्र भी काफी बड़ा है। नागपुर समेत पूरे विदर्भ के मामले यहां आते है। न्यायाधीशों की भी थोड़ी कमी है। मामले एडजर्न भी होते रहते है। न्यायपालिका पंेडेंसी कम करने का निरंतर प्रयास कर रही है। कभी-कभी शनिवार को भी न्यायपालिका काम करती है। सिविल मामले कई प्रकार के होते है, इन मामलों में शीघ्र फैसला नहीं हो पाता। पेंडेंसी में सिविल मामले बहुत ज्यादा है। जिला कोर्ट से अधिकांश मामले हाईकोर्ट पहुंच रहे है।
-एड. राजेेंद्र डागा, विधी विशेषज्ञ.
क्लोजिंग बेल: उतार-चढ़ाव के बीच सेंसेक्स- निफ्टी सपाट पर बंद हुए
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आज व्यापारिक सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को निफ्टी सत्र के मध्य उतारचढ़ाव के बीच अंत में सपाट बंद हुआ। ट्रेडर्स सीपीआई तथा आईआई लपी आंकड़ों की प्रतीक्षा करते दिखे। निफ्टी 17659.65 पर खुला, दिन के मध्य 17724 का उच्चतम बना 39 अंको की बढत के साथ 17698.15 पर बंद हुआ।बैंक निफ्टी 162.45 अंक चढ़ 39042.30 पर रहा।अगस्त माह का निफ्टी का पुट कॉल अनुपात 1.39 है जो तजड़ियो की सक्रियता का संकेत है।क्षेत्र विशेष में निफ्टी एनर्जी तथा कमोडिटी क्रमशः 1.88 तथा 1.44 प्रतिशत चढ़े जबकि निफ्टी फार्मा तथा आईटी प्रत्येक में 1 प्रतिशत की गिरावट रही।इंडिया विक्स 4.08 प्रतिशत ठंडा हो 17.61 पर बंद हुआ।
निफ्टी के शेयरों में ओएनजीसी ,टाटा स्टील,एनटीपीसी तथा यूपीएल में सर्वाधिक बढ़त रही जबकि डिवीज लैब,अपोलो हॉस्पिटल, इंफी तथा एलएंडटी में सबसे अधिक गिरावट रही।तकनीकी आधार पर,निफ्टी ने साप्ताहित चार्ट पर बुलिश कैंडल बनाया है जो इसमे तेजी का संकेत है।निफ्टी 200 दिनों के मूविंग एवरेज तथा सुपर ट्रेंड संकेतक के ऊपर ट्रेड कर रहा है ,वो भी निफ्टी में शक्ति का परिचायक है।हालांकि निफ्टी फॉलिंग ट्रेंड लाइन पर अवरोध का सामना कर रहा है, इसके ऊपर बंद होने पर ही एक तीव्र तेजी दिख सकती है।निफ्टी के ओपन इंटरेस्ट आकंडो में ,कॉल में सर्वाधिक ओपन इंटेरेस्ट 18000 पर है जबकि पुट में 17500 पर है।मोमेन्टम संकेतक एमएडीसी दैनिक समयावधि पर सकारात्मक क्रॉसओवर के साथ ट्रेड कर रहा है।निफ्टी का सपोर्ट 17500 पर स्थान्तरित हो गया है जबकि 17800 पर तात्कालिक अवरोध है।बैंक निफ्टी का सपोर्ट 38700 पर है जबकि अवरोध 39500 है।
कुलमिला कर मार्केट आनेवाले सप्ताह में शक्तिशाली लग रहा है।अच्छी गुणवत्ता के शेयरों में हर गिरावट पर खरीदारी की जा सकती है।मार्केट में तीन दिनों के लगातार अवकाश के बाद भी सकारात्मक स्थायित्व बना रहा जो इसके शक्तिशाली हाथों में होने को दर्शाता है हालांकि छोटे उछाल तथा गिरावट का उपयोग ट्रेडर ने लाभ ले लेने में किया है।अत्यंत कड़े स्टॉप लॉस के साथ ही ट्रेड करें।यदि कुछ बड़ी नकारात्मक बात नही आती तो तेजड़िये फिर से आक्रामक हो सकते हैं।
पलक कोठारी
सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट
चॉइस ब्रोकिंग
Source: Choice India
75वें आजादी के अमृत महोत्सव पर 75 किलोमीटर की बाइक रैली: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने बाइक रैली निकालकर मनाया हर घर तिरंगा अभियान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आजादी के अमृत वर्ष पर देश की एकता, अखंडता और राष्ट्रीयता के प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा हर घर तिरंगा अभियान आयोजित किया जा रहा है। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा हर घर तिरंगा यात्रा के जागरूकता संदेश के लिए बाइक रैली का आयोजन किया गया। इस यात्रा को श्री वी.डी. शर्मा जी, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी और श्रीमती मालती राय, महापौर भोपाल नगर निगम ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ विजय सिंह, शिक्षाविद डाॅ. अमिताभ सक्सेना एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। यह यात्रा सारनाथ कांपलेक्स, एमपी नगर से प्रारंभ होकर नेहरू नगर, भदभदा चौराहा, पॉलिटेक्निक चौराहा, वीआईपी रोड, लालघाटी चौराहा, नादरा बस स्टैंड, भोपाल टॉकीज, जहांगीराबाद, चेतक ब्रिज, होशंगाबाद रोड से होते हुए रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के परिसर पर समाप्त हुई। इस यात्रा में विश्व विद्यालय के विद्यार्थी फैकल्टी स्टॉप, राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
इस अवसर पर श्री वी डी शर्मा जी ने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान का उद्देश्य युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना जगाना और तिरंगे से जुड़ाव को गहरा करना है। इस यात्रा से हम अपनी युवा पीढ़ी में तिरंगे के प्रति सम्मान और अधिक बढ़ा पाएंगे। यह यात्रा हमें आजादी प्रदान करने वाले वीरों के त्याग को भी बता रही है। हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत हमें अपने घरों पर गर्व से तिरंगा फहराना चाहिए। वहीं महापौर श्रीमती मालती राय ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज हमारे अंदर राष्ट्र के प्रति समर्पण के भाव को और भी प्रबल करता है। हमें दूसरे लोगों को भी तिरंगे के सम्मान में आयोजित इस कार्यक्रम में जुड़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। हमारा देश और हमारा समाज स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सदैव ऋणी रहेगा। उनके कारण ही आज हम आजाद देश के नागरिक हैं।
समापन अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रांगण में डॉ अदिति चतुर्वेदी, निदेशक आईसेक्ट ग्रुप ऑफ यूनिवर्सिटीज ने सफल यात्रा की बधाई देते हुए कहा कि हमें सक्रियता और कर्मठता के साथ सभी को हर घर तिरंगा अभियान से जोड़ते हुए तिरंगे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बताना है। वहीं डॉ विजय सिंह ने कहा कि पूरे देश में इन दिनों हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है और देश की आजादी के अमृत अवसर पर हर किसी को शामिल किए जाने हेतु आमंत्रित किया जा रहा है। हम सभी के लिए गर्व की बात है कि आज सभी देशवासियों को देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया जी ने बाइक रैली के सभी प्रतिभागियों एवं पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया साथ ही विश्वास जताया कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी समाज को और सशक्त बनाने में अपना उत्कृष्ट योगदान देंगे।
CSS Founder: A Web Design Company डिजिटलाइजेशन को आगे बढ़ाने और मेड इन इंडिया का सपना पूरा करने में अपना योगदान दे रहा है।
डिजिटल डेस्क, नोएडा। CSS Founder एक वेबसाइट डिजाइनिंग कंपनी है जो कि मेक इन इंडिया के विजन को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। हजारों वेबसाइट बनाने के पश्चात CSS Founder ने अपनी छाप भारत के साथ-साथ भारत के बाहर विविध ग्राहकों के साथ जुड़ी हैं जिनमें यूएई, यूएएस और यूके जैसे देश शामिल है। इस कंपनी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी क्षेत्र एवं पृष्ठभूमि तथा वित्तीय क्षमता के व्यवसायियों के लिए बहुत सुंदर वेबसाइट डिजाइनिंग को पूरा करते हैं। Css Founder एक Website Designing Company in Delhi है जो की दिल्ली एनसीआर में बहुत प्रचलित है ये कंपनी एक ही लक्ष्य पर काम कर रही है वो है हर किसी स्टार्टअप या बिज़नेस का अपना खुद का वेबसाइट हो और वो डिजिटल इंडिया में अपना योगदान दे सक।
'मेड इन इंडिया' अभियान में हिस्सा
इमरान खान कंपनी के संस्थापक हैं और इनके मार्गदर्शन में कार्य करते हुए फॉर्म अपनी सभी विश्वासनीय सस्ती एवं विश्वसनीय व्यवसाय डिजाइनिंग के सेवाओं के लिए खास तौर पर जानी जाती हैं, क्योंकि सारे जगह सालों को डिजिटल मैप पर लाएंगे। 2016 में कंपनी की स्थापना के पश्चात सी एस एस फाउंडर 'मेड इन इंडिया' वेबसाइटों के साथ अपना व्यापारिक समुदाय को पूरा करने के लिए कार्य किया है और जरूरतमंद बच्चों के लिए एवं गरीबों को मुफ्त भोजन और राशन प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।
CSS Founder के संस्थापक इमरान खान जी का कहना है कि "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस उद्योग से आ रहे हैं। हम आपको एक वेबसाइट बनाने में सक्षम रूप से मदद करेंगे एवं प्रेरित करेंगे। जिससे कि आप की व्यवस्थाएं को उड़ान भरने में मदद प्रदान हो पाएगी" और आज के युग में एक व्यवसाय के लिए एक वेबसाइट होना अति आवश्यक है वैश्विक स्तर पर 'मेड इन इंडिया' के सपने को पूरा करने का लक्ष्य रखते हैं और 'मेक इन इंडिया' के अभियान को भी प्रतिक्रियाओं के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।
भलाई के लिए आगे कदम बढ़ाए
केवल इतना ही नहीं यह टीम गरीबों की भलाई के लिए भी आगे आई है जिसके अंतर्गत उन्होंने गरीब बच्चों को खाना बांटा एवं जरूरतमंदों को राशन प्रदान भी करने का लक्ष्य रखा है भोजन में राजमा, चावल, अचार, रायता, चिप्स, पारले जी बिस्किट, छोले, पूरी और उसके साथ मिठाई भी रखी है। यदि हम राशन की बात करें तो दाल, चावल, आटा, चीनी, तेल, नमक, मटर, चने, सोयाबीन और कुछ जरूरी मसाले भी बांटने के लिए लिस्ट में रखे हैं और यह राशन मुफ्त में बांटा जाता है और भोजन भी मुफ्त में कराया जाता है। पूरे वर्ष में 80,000 बच्चों को भोजन कराने का लक्ष्य CSS Founder द्वारा रखा गया है।
चाहते हैं डिजिटलाइजेशन को बढ़ाना
भारत के साथ-साथ यह कंपनी अमेरिका में भी अपने कदम जमाने के लिए प्रतिबंध है एवं पहले से ही यह कंपनी पर कई सारे परियोजनाओं को शुरू कर चुकी है और इसकी सटीकता बहुत गहराइयों तक पहुंच चुकी है। उसी के साथ या कंपनी कोलंबिया, रियाद, शिकागो, दुबई, अबू धाबी, जेद्दा, नॉर्वे, डेनवर, बोईस, टोरंटो, टोक्यो, शारजाह और अटलांटा जैसे आधी टॉप विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रही है।
कंपनी द्वारा अपने उपयोगकर्ताओं के लिए वेबसाइट बनाने का कार्य जटिलता के साथ किया जा रहा है और यह भारत में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से कोशिश कर रही है उसी के साथ-साथ विदेशों से भी संबंध बना रहे हैं। CSS Founder कया कहना है कि स्टार्टअप, व्यवसाय को आगे बढ़ने के साथ साथ हमें अपने योगदान देश के लिए भी देना चाहिए।
लॉ समाधान: कानूनी और लेखा समस्याओं के समाधान का एकमात्र स्थान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोर्ट-कचहरी के चक्कर कोई नहीं काटना चाहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां जनता को सही सलाह न मिलने का डर सताता है, वहीं, कानून के पचड़े में पड़ना घर बार बिकने के सामान समझा जाता है। इसी डर से आज भी ऐसा देखा जाता है की बहुत से केस रिपोर्ट ही नहीं हो पाते हैं। लेकिन, यदि जनता के पास ऐसा कुछ हो जिस पर वह विश्वास कर सके और ठगा सा महसूस न करे, तो कैसा होगा? ऐसा होने पर न सिर्फ जनता को सही कानूनी सलाह मिलेगी, सलाह उनकी जेब पर भारी भी नहीं पड़ेगी और आसानी से मिलेगी। ऐसा ही है लॉ समाधान पोर्टल। कानूनी और लेखा सेवा प्रदान करने की क्षमता रखने वाले इस पोर्टल पर जनता विश्वास कर सकती है क्योंकि इसके साथ जुड़ें होंगे देश के बेहतरीन और जाने माने वकील और लेखा सेवाओं से जुड़े प्रोफेशनल।
जनता, नए कारोबारियों, अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए उत्तम मंच
डिजिटल इंडिया से प्रेरित नए स्टार्टअप लॉ समाधान की नींव रखी है उत्साही और अपने-अपने क्षेत्र के पारखी जोधपुर के गौरव गहलोत, वाराणसी के आयुष मणि मिश्रा और भरतपुर के प्रणव शर्मा ने। यह एक नया स्टार्टअप है जो जल्द ही सेवा देने के लिए बाजार में आ रहा है। यह कानूनी समाधान प्रदान करने में इंडस्ट्री में शीर्ष और अग्रणी वेब पोर्टल बनने की क्षमता रखता है। इस पोर्टल का उद्देश्य भारत में लीगल और लेखा सेवाओं को एक डिजिटल मंच पर लाना है। यह ग्राहकों और नए कारोबारियों के लिए सबसे अच्छा मंच होगा क्योंकि ग्राहक को एक क्लिक पर लॉ समाधान द्वारा सबसे तेज, सर्वोत्तम और सस्ती सेवा प्रदान की जाएगी। यह सभी अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए भी सबसे अच्छा मंच होगा।
कानूनी और लेखा सलाह एक क्लिक पर
कंप्यूटर पर सिर्फ एक क्लिक से जरिए जनता को मिल पाएगी बेहतरीन वकीलों द्वारा उत्तम सलाह और वह भी बड़ी आसानी से। चाहे वह कोई उपभोक्ता शिकायत हो या कंपनी पंजीकरण कार्य, लाइसेंस और ट्रेडमार्क संबंधी कार्य या कानूनी दस्तावेज, जीएसटी, कानूनी नोटिस, सिविल और आपराधिक कानूनी सेवा या संपत्ति संबंधी मामले या साइबर अपराध, धर्म परिवर्तन, विवाह पंजीकरण, कोर्ट मैरिज, तलाक और आप्रवास पर सलाह आदि सेवाएं, यह पोर्टल सभी प्रकार की सेवाएं प्रदान करने में समर्थ होगा।
मुफ्त संपर्क विवरण
आपके क्षेत्र के शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) उनके कार्य अनुभव और विशेषज्ञता का विवरण संपर्क सूत्र सहित मुफ्त में प्रदान किया जाएगा।
समाधान ऐसा जो होगा ग्राहक के बजट में
क्षेत्र के शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के इस पोर्टल से जुड़ने पर उनके कार्य अनुभव और विशेषज्ञता का फायदा जनता को मिलेगा। और तो और यह सब ग्राहक के बजट में।
क्या है लॉ समाधान और इसकी सेवाएं कैसे ली जा सकती हैं
- यह सभी प्रकार की कानूनी और लेखा सेवाओं के समाधान के लिए सलाह प्रदान करने का सामर्थ्य रखने वाला भारत का एकमात्र वेब पोर्टल है
- शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) द्वारा सटीक, किफायती, पारदर्शी सलाह
- मुफ्त संपर्क विवरण – आपके क्षेत्र के अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) का संपर्क विवरण मुफ्त उपलब्ध होगा
- लॉ समाधान का सम्पूर्ण भारत में अधिवक्ता और सीए का विशाल नेटवर्क बन रहा है
- शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के लॉ समाधान से जुड़ने से इसकी विश्वसनीयता कई गुना बढ़ जाती है
- जिसे भी लीगल या लेखा सेवा संबंधित सलाह चाहिए वह कंप्यूटर या मोबाइल पर वेब पोर्टल lawsamadhan.com खोले और जो सेवा लेना चाहते हैं उसे चुने।
- आप इस पोर्टल पर एक क्लिक कर लंबे अनुभव वाली टीम से सर्वोत्तम कानूनी और वित्तीय सलाह प्राप्त कर सकते हैं
- आपके तय बजट और केस के हिसाब से लॉ समाधान आपको बेस्ट अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) द्वारा सुझाव प्रदान करता है
- मध्यस्थता सेवाएं (एडीआर) भी प्रदान की जाती हैं
- नए कारोबार को कानूनी सलाह सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं
बॉक्स
एक क्लिक पर सभी प्रकार की कानूनी और लेखा सेवा पर सलाह
उपभोक्ता शिकायत, कंपनी पंजीकरण, लेखा सेवाएं, लाइसेंस और ट्रेडमार्क, जीएसटी, कानूनी दस्तावेज, कानूनी नोटिस, सिविल और आपराधिक कानूनी सेवाएं, संपत्ति संबंधी मामले, साइबर अपराध, धर्म परिवर्तन, विवाह पंजीकरण, कोर्ट मैरिज, तलाक, आप्रवास पर सलाह आदि
खबरें और भी हैं...
दैनिक भास्कर हिंदी: दुष्कर्म के बाद 6 साल की बेटी की हत्या करने वाले की फांसी पर फैसला सुरक्षित
दैनिक भास्कर हिंदी: आदेश के बाद भी हाजिर नहीं हुए डिंडोरी तहसीलदार, हाईकोर्ट ने लगाई 50 हजार रुपए की कॉस्ट
दैनिक भास्कर हिंदी: जवाब पेश नहीं करने पर हाईकोर्ट ने सरकार पर लगाई 5 हजार रुपए की कॉस्ट, याचिकाकर्ता कर रहा 20 साल से न्याय का इंतजार
दैनिक भास्कर हिंदी: 'न्याय योजना' को लेकर HC का कांग्रेस को नोटिस, पूछा- क्यों न इसे गरीबों को रिश्वत देना समझें
दैनिक भास्कर हिंदी: कोस्टल रोड़ परियोजना को झटका : हाईकोर्ट ने समुद्र पाटने के काम पर लगाई रोक