दोनों बेटों ने उठाया देश सेवा का बीड़ा, अली का दूसरा बेटा भी बना लेफ्टिनेंट

डिजिटल डेस्क, वर्धा, संजयकुमार ओझा | परिवार की कमजोर परिस्थिति के बीच वर्धा शहर निवासी शाहीद अली ने अपने दोनों बेटों को देश सेवा में लगाने का प्रण लिया था। इसके लिए उन्हें 10 वर्षों तक कड़ी मेहनत करनी पड़ी। एक बेटा शाहरूख अली 7 वर्ष पहले औरंगाबाद से प्रशिक्षण लेकर देशसेवा में अधिकारी पद पर नियुक्त हुआ। 29 अक्टूबर को दूसरा बेटा लकी अली का ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी (चेन्नई) से लेफ्टिनेंट पद के लिए चयन किया गया है। आगामी दिसंबर महीने में लकी अली लेफ्टिनेंट का पदभार संभालने जम्मू कश्मीर रवाना होने वाले हैं। शाहीद अली अपने परिवार के साथ आर्वी मार्ग की न्यू म्हाडा कॉलोनी में रहते हैं। उनकी पत्नी महजबी अली पिपरी मेघे के अग्रग्रामी काॅन्वेन्ट में शिक्षिका हैं। माता- पिता की इच्छा दोनों बेटों को भारतीय सेना में देश सेवा के लिए भेजने की थी। पिता शाहीद अली व मां की इच्छा के अनुसार छोटा बेटा लकी अली ने प्राथमिक शिक्षा पिपरी के अग्रग्रामी कॉन्वेन्ट से पूर्ण की। दसवीं कक्षा के बाद जानकीदेवी बजाज विज्ञान महाविद्यालय से 11वीं और 12वीं की परीक्षा के साथ डिग्री की पढ़ाई पूर्ण की।
लकी अली स्कूल के जमाने में एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) का छात्र था। 21 वर्ष की आयु में लेफ्टिनेंट बने लकी अली, जे.बी. विज्ञान महाविद्यालय से डिग्री के बाद ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी की परीक्षा दी थी। एनसीसी के पूर्व छात्रों का एनसीसी लेवल पर प्रशिक्षण हुआ। इसके बाद साक्षात्कार के माध्यम से उनका चेन्नई की ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी के प्रशिक्षण के लिए चयन किया गया। देशभर के कुल 47 छात्रों का चयन किया गया। जिसमें लकी अली का भी समावेश था। एनसीसी व यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण किए 220 युवकों को ट्रेनिंग दी गई। चेन्नई में माता-पिता की मौजूदगी में शनिवार को लेफ्टिनेंट लकी अली को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। इस दरम्यान लकी अली के बड़े भाई मेजर शाहरूख अली व भाभी भी उपस्थित थे। अली परिवार रविवार को वर्धा आने के लिए चेन्नई से रवाना हुआ है। लकी अली का बड़ा भाई मेजर शाहरूख अली 7 वर्ष पहले भारतीय सेना में तैनात हुआ था। मेजर शाहरूख अली फिलहाल अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर पर तैनात हैं। शाहीद अली के बड़े बेटे शाहरूख अली की वर्धा में प्राथमिक शिक्षा के बाद सेना में सेवा देने का लक्ष्य रखकर औरंगाबाद की निजी डिफेंस अकादमी में प्रशिक्षण लिया था। उनका बाद में भारतीय सेना में मेजर पद पर चयन हुआ।
आसान नहीं प्रशिक्षण पूर्व परीक्षा उत्तीर्ण करना : भारतीय सेना में अधिकारियों की नियुक्ति करने के लिए यूपीएससी के माध्यम से परीक्षा ली जाती है। यह परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद साक्षात्कार के पश्चात ओटीए (चेन्नई) व इंडियन मिल्ट्री अकादमी (देहरादून) में प्रशिक्षण के लिए चयन किया जाता है। उसके बाद भारतीय सेना में बड़े पद पर नौकरी हेतु नियुक्ति की जाती है, लेकिन परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद प्रशिक्षण लेना भी आसान काम नहीं हैं। इसी वजह से भारतीय सेना में बड़े अधिकारियों के कई पद रिक्त हैं। युवाओं को इस ओर रुचि लेने की आवश्यकता है।
Created On :   31 Oct 2022 7:56 PM IST