जुलाई 2022 से ग्राम पंचायतों पर इलेक्ट्रिक बिल का बोझ

डिजिटल डेस्क, नागपुर. सरकार ने गांवों में बिजली, जलापूर्ति योजनाएं पहुंचा दीं। ग्राम पंचायतों के पास आय के स्रोत नहीं रहने से बिल बकाया बढ़ जाने से अनेक गांवों में स्ट्रीट लाइट, जलापूर्ति योजनाएं दिखावे के लिए रह गई हैं। सरकार ने जून 2022 तक बकाया बिजली बिल भर दिया। जुलाई से ग्राम पंचायतों काे बिल भरने का फरमान जारी किया। निधि के अभाव में आर्थिक संकट से गुजर रही ग्राम पंचायतों पर बिजली बिल का बोझ पड़ गया है। ग्राम पंचायतों की बिजली बिल भरने की क्षमता नहीं रहने से गांवों में रोशनी और केंद्र सरकार की हर घर नल से जल योजना के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
कनेक्शन कट करने पर खलबली
बिजली बिल बकाया बढ़ने पर महावितरण ने कनेक्शन कट करने की मुहिम चलाई। अनेक गांवों के स्ट्रीट लाइट, जलापूर्ति योजनाओं के बिजली कनेक्शन कट किए गए। गांवों में अंधेरा और घरों में पानी संकट से हाहाकार मच गया। नागरिकों को असुविधा होने पर सरपंच संगठन ने जिप सीईओ से मिलकर इस समस्या का हल निकालने ज्ञापन दिया। सीईओ ने सरकारी स्तर पर बातचीत करने पर बकाया बिजली बिल ग्राम विकास विभाग ने चुकाने का निर्णय लिया। महावितरण को जून 2022 तक स्ट्रीट लाइट और जलापूर्ति योजनाओं का बकाया बिल भुगतान भी कर दिया। जुलाई 2022 से ग्राम पंचायतों को स्वनिधि से अपने स्तर पर बिल भुगतान करने का फरमान जारी किया है।
पहले सरकार करती थी बिजली बिल भुगतान : ग्राम पंचायतें स्ट्रीट लाइट और जलापूर्ति योजना का बिजली बिल भरने के लिए आर्थिक सक्षम नहीं रहने से पहले सरकार बिजली बिल भुगतान करती थी। साल 2016 के शासनादेश के अनुसार ग्राम पंचायतों के स्ट्रीट लाइट का बिल भुगतान करने की जिम्मेदारी सरकार ने उठाई थी। बीच में सरकार ने बिल भुगतान करना बंद कर दिया। ग्राम पंचायतों की बिजली बिल भरने की स्थिति नहीं रहने से बकाया बढ़ता गया। बकाया बिल वसूल नहीं होने पर महावितरण ने बिजली कनेक्शन कट करने की मुहिम चलाई।
धरी की धरी रह जाएंगी सरकारी योजनाएं : देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने की सरकार की योजना है। कुछ गांवों में आज भी बिजली नहीं पहुंची। जो गांव बिजली से वंचित हैं, वहां भी बिजली पहुंचाने की कवायद चल रही है। गांवों में स्वच्छ व शाश्वत जलापूर्ति के लिए हर घर नल से जल योजना चलाई जा रही है। इस योजना अंतर्गत जलापूर्ति योजनाओं की दुरुस्ती, नई पाइप लाइन बिछाने व हर घर में नि:शुल्क नल कनेक्शन जोड़ने का काम युद्ध स्तर पर चालू है। बिजली बिल भुगतान करने के लिए ग्राम पंचायतें आर्थिक सक्षम नहीं रहने से यह सारी योजनाएं धरी की धरी रह जाएंगी।
147 करोड़ का बकाया सरकार ने चुकाया
जिले की 768 ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाइट के 2445 बिजली मीटर और जलापूर्ति योजनाओं का 147 करोड़ रुपए बकाया था। स्ट्रीट लाइन का 100 करोड़ और जलापूर्ति योजनाओं का 47 करोड़ बकाया बताया जाता है। ग्राम विकास विभाग ने जून 2022 तक बकाया बिजली बिल भर दिया। जुलाई 2022 से आगे का बिजली बिल ग्राम पंचायतों को स्वनिधि से अथवा 15वें िवत्त आयोग की निधि से भरने की सूचना दी है। सरकार के आदेश पर जिप सीईओ ने अधीनस्थ सभी पंचायत समिति के बीडीओ को पत्र भेजकर अवगत कराया है। जब ग्राम पंचायतों के पास बिल भरने के लिए निधि है ही नहीं, तब बिल का भुगतान कैसे करें, यह सवाल ग्राम पंचायतों को सता रहा है।
Created On :   26 Feb 2023 9:02 PM IST