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गन्ना, रेशम, मक्का और हल्दी संवारेगी गोंदिया के किसानों की तकदीर
डिजिटल डेस्क, गोंदिया । पारंपारिक फसल के रूप में वैसे तो गोंदिया में धान का उत्पादन ही अधिक मात्रा में लिया जाता है लेकिन अत्यल्प बारिश की स्थिति में इस फसल के उत्पादन में भारी गिरावट आ जाती है और किसान संकट में आ जाते हैं। पारंपारिक धान फसल की बजाए अब नकद फसल के रूप में रेशम, मक्का, हल्दी एवं स्वच्छ गुड़ जैसे उत्पादन से किसानों की तकदीर बदलने का निर्णय राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के माध्यम से कृषि विभाग ने लिया है। लगभग 2 हजार हेक्टेयर में इसकी फसलें लगाई जाएगी। जिससे जिले के खेतो की तस्वीर बदलेगी व किसानों की तकदीर भी।
नई तकनीक का होगा इस्तेमाल: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत जिले के किसानों को पारंपारिक कृषि उत्पादन से हटके नई तकनीक के माध्यम से आधुनिक फसल लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस संदर्भ में जिला कृषि अधिक्षक अनिल इंगले ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में शुरूआत में 500 हेक्टेयर में मक्का, 500 हेक्टेयर में हल्दी, 500 हेक्टेयर में स्वच्छ गुड़ (गन्ना) एवं 500 हेक्टेयर में तूती (रेशम) की फसलें लगाई जाएगी। यह क्षेत्र धीरे-धीरे बढ़ाकर इन फसलों की ओर जिले के किसानों को प्रेरित किया जाएगा। फिलहाल जिले में कम अधिक मात्रा में सब्जियों का उत्पादन लिया जाता है। लेकिन यह क्षेत्र काफी कम है। सिर्फ धान की फसलों को ही जिले के किसान प्राथमिकता दे रहे है। उन्होने बताया कि यदि धान के बदले मक्का, हल्दी, तूती व गन्ने की खेती की जाए तो धान से लगभग डबल मात्रा में उत्पादन हो सकता है। शुरूआत में तकनीकी अभाव में किसानों को परेशानी जरूर होगी। लेकिन कृषि विभाग द्वारा उन्हे कृषि कार्य के लिए अनुदान के साथ ही समय-समय पर उचित मार्गदर्शन भी किया जाएगा। धान की तुलना में इन फसलों को पानी बहुत ही कम लगता है। जिससे अत्यल्प बारिश होने पर भी फसलें हो जाएगी। फिलहाल जिले में हल्दी एवं गन्ना बहुत ही कम क्षेत्र में कुछ किसान ले रहे है। लेकिन मका एवं रेशम का उत्पादन जिले के लिए नया है। यदि यह उत्पादन बढ़ता है तो निश्चित ही जिले के कृषि इतिहास में नई क्रांति की शुरूआत होगी।
किसान संपर्क करें
पारंपारिक खेती से हटकर नई तकनीक के माध्यम से जिले के किसानों की उन्नति के लिए आधुनिक खेती के लिए उन्हे प्रेरित किया जाएगा। मक्का, हल्दी, स्वच्छ गुड़ एवं रेशम उत्पादन के लिए इच्छुक किसान तहसील के कृषि कार्यालय से संपर्क करें। उन्हे मार्गदर्शन एवं योजना का लाभ दिया जाएगा। आधुनिक कृषि कार्य के माध्यम से किसानों को लगभग डबल उत्पादन होगा।
अनिलकुमार इंगले, जिला कृषि अधिक्षक, गोंदिया
100 गुड़ निर्मिती केंद्र का लक्ष्य
रेशम के साथ ही स्वच्छ गुड़ निर्माण के लिए जिले में लगभग 100 स्वच्छ गुड़ निर्मिती केंद्र बनाए जाएंगे। फिलहाल 25-30 केंद्र चल रहे है। उन्हे भी नई तकनीक के माध्यम से आधुनिक रुप दिया जाएगा। मका, हल्दी, गन्ना एवं रेशम उत्पादन का पुरा लागत खर्चा कृषि विभाग से किसानों को दिया जाएगा।
Created On :   13 Jan 2018 7:20 PM IST