सीबीआई निदेशक की मांग - द्वेषपूर्ण है त्रिवेदी की याचिका, इसलिए हो खारिज

CBI Directors demand - Trivedis petition is malicious, so it should be rejected
सीबीआई निदेशक की मांग - द्वेषपूर्ण है त्रिवेदी की याचिका, इसलिए हो खारिज
हाईकोर्ट सीबीआई निदेशक की मांग - द्वेषपूर्ण है त्रिवेदी की याचिका, इसलिए हो खारिज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सीबीआई के निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल ने बांबे हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर उनकी नियुक्ति को चुनौती देनेवाली सेवानिवृत्त सहायक पुलिस आयुक्त राजेंद्र त्रिवेदी की याचिका को खारिज करने की मांग की हैं। हलफनामें जायसवाल ने दावा किया है कि त्रिवेदी की याचिका प्रतिशोध व व्यक्ति द्वेष की भावना के तहत दायर की गई है। हलफनामे में श्री जायसवाल ने कहा है कि याचिकाकर्ता (त्रिवेदी) अपनी सेवा के दौरान पोस्टिंग को लेकर व मेरे द्वारा उनके संबंध में भेजी गई रिपोर्ट के कारण मुझसे व्यक्तिगत द्वेष रखे हुए हैं। इस लिहाज से त्रिवेदी की याचिका सरासर प्रतिशोध  के कारण दायर की गई है। इसलिए इसे खारिज कर दिया जाए। हलफनामे में जायसवाल ने कहा कि मामले से जुड़े तथ्यों की स्थिति व उनकी नियुक्ति से जुड़े रिकार्ड को लेकर केंद्र सरकार की ओर से हलफनामा दायर किया जाएगा। मुख्य़ न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने नौ जून को त्रिवेदी की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार व सीबीआई के निदेशक जायसवाल को नोटिस जारी कर जवाब देने कहा था। इसके तहत श्री जायसवाल ने हलफनामा दायर किया है। 

वहीं अधिवक्ता सतीश तलेकर के माध्यम से दायर त्रिवेदी की याचिका के मुताबिक मुताबिक सीबीआई के निदेशक पद पर वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति की जानी चाहिए। जिसकी छवि पूरी तरह से बेदाग हो और उसके पास भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच करने का अनुभव हो। याचिका के अनुसार श्री जायसवाल एक पुलिस अधिकारी के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान कभी किसी जांच एजेंसी के भ्रष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ से नहीं जुड़े रहे। इस लिहाज से कानून के मुताबिक उनके पास भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की जांच का अनुभव नहीं हैं। याचिका में दावा किया गया है कि जायसवाल की सीबीआई के निदेशक पद पर की गई नियुक्ति दिल्ली पुलिस इस्टेबलिसमेंट एक्ट के विपरीत है। लिहाजा जायसवाल की सीबीआई के निदेशक पद पर नियुक्ति को मंजूरी देनेवाली तीन सदस्यीय कमेटी की कार्यवाही से जुड़े रिकार्ड को कोर्ट में मंगाया जाए। राज्य के पुलिस महानिदेशक रह चुके जायसवाल की मई 2021 में सीबीआई निदेशक के तौर पर नियुक्त की गई थी। 

तेलगी घोटाली की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने की थी टिप्पणी 

याचिका में कहा गया है कि जायसवाल के नेतृत्तव में  तेलगी फर्जी स्टैंप पेपर घोटाले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) बनी थी। तब वे उप महानिरीक्षक थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते वक्त जायसवाल के खिलाफ कई टिप्पणियां की थी और मामले की जांच सीबीआई को स्थनांतरित कर दिया था। याचिका में कहा गया था कि जायसवाल को लेकर कोर्ट की ओर से की गई टिप्पणियां अभी यथावत हैं। इन्हें रिकार्ड से नहीं हटाया गया है। 

Created On :   19 July 2022 9:17 PM IST

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