2149 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले में सीबीआई ने 10 जगहों पर की छापामारी

CBI raids 10 places in Rs 2149 crore bank scam
2149 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले में सीबीआई ने 10 जगहों पर की छापामारी
बड़े बैंको के साथ ठगी   2149 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले में सीबीआई ने 10 जगहों पर की छापामारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बैंकों से 2149 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दो अलग-अलग मामले दर्ज कर 10 ठिकानों पर छापेमारी की है। पहले मामले में मुंबई स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुआई वाले पांच बैंकों के समूह को निजी कंपनी उशदेव इंटरनेशनल लिमिटेड और उसके पदाधिकारियों ने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर 1438 करोड़ 45 लाख रुपए का चूना लगाया है जबकि दूसरे मामले में बैंक ऑफ इंडिया की अगुआई वाले बैंकों के समूह को 710 करोड़ 85 लाख रुपए का चूना लगाने के आरोप में अहमदाबाद स्थित अनिल लिमिटेड कंपनी और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। छापेमारी के दौरान सीबीआई ने अहम दस्तावेजों के साथ 38 लाख रुपए नकद और संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। 

पहले मामले में ठगी करने वाली उशदेव इंटरनेशनल कंपनी फेरस एवं नॉन फेरस मेटल के कारोबार से जुड़ी हुई है। आरोप है कि कंपनी के निदेशकों सुमन गुप्ता और प्रतीक गुप्ता ने कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (वर्तमान में पीएनबी एवं बैंक ऑफ महाराष्ट्र) को चूना लगाया। आरोप है कि ठगी के लिए विदेश में स्थित कंपनियों से खरीदारी और बिक्री दिखाई गई लेकिन वास्तव में ये संस्थाएं कोई कामकाज नहीं करती थीं। यही नहीं कोई काम न करने वाली संस्थाओं को अग्रिम भुगतान दिखाया गया और बही खाते में हेरफेर कर आरोपियों ने पैसों का गबन कर लिया। बैंक अधिकारियों ने भी कर्ज मंजूरी के लिए जरूरी दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया। 

वहीं दूसरे मामले में बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, एसबीआई, पीएनबी और शामराव विठ्ठल को-ऑपरेटव बैंक लिमिटेड, आईएफसीएल लिमिटेड को करीब 711 करोड़ रुपए का चूना लगाने के मामले में अनिल प्रायवेट लिमिटेड उसके छह निदेशकों अमोल शेठ, कमालभाई शेठ, अनीश शाह, इंदिरा पालखीवाला, अनुराग कोथावाला, शशिन देसाई के साथ अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। असंशोधित स्टार्च, मक्का स्टार्च, तरल ग्लूकोज, डेक्स्ट्रोज मोनोहाइड्रेट जैसे डाउनस्ट्रीम उत्पाद बनाने वाली इस कंपनी ने ज्यादा कर्ज हासिल करने के लिए दूसरी कंपनियों से ज्यादा लेन देन दिखाया। साथ ही कर्ज ली गई राशि बैंकों की अनुमति के बिना दूसरी कंपनियों को उधार दे दी। कंपनी के अहमदाबाद और पुणे स्थित ठिकानों पर छापेमारी की गई है। 
 

Created On :   11 July 2022 9:31 PM IST

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